विटमिन डी की कमी से शरीर में हर वक्त थकान महसूस होती है। अगर आपका खान-पान ठीक है और नींद पूरी हो रही है, इसके बाद भी कमजोरी और थकान रहती है तो ये विटमिन डी की कमी का संकेत है।
विटामिन डी की कमी होने पर कैल्शियम शरीर में नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में हड्डियों मांसपेशियों और दांतो में कैल्शियम की कमी होने लगती है। अगर हड्डियों में दर्द जोड़ों में दर्द या पीठ में दर्द रहता है तो ये विटमिन डी की कमी के संकेत हैं।
अगर घाव देरी से भर रहा है या चोट ठीक नहीं हो रही है तो ये शरीर में विटमिन डी की कमी का संकेत है। विटामिन डी शरीर में सूजन जलन और इंफेक्शन को रोकने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर चोट देरी से ठीक होती है।
अगर आपको हर वक्त निराशा तनाव या ऐंग्जाइटी महसूस होती है तो ये विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। डिप्रेशन फील होना बात-बात पर मूड खराब होना खून में विटमिन डी की कमी के संकेत हैं।
विटामिन डी की कमी से बालों के झड़ने की समस्या हो जाती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से हेयर फॉल होने लगता है। विटामिन डी वो न्यूट्रिएंट है जो हेयर फॉलिकल्स को बढ़ाता है। विटामिन डी की कमी होने पर बहुत ज्यादा बाल गिरने लगते हैं।
शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जरा सी चोट लगने पर हड्डियों के टूटने का खतरा रहता है। इसके अलावा जांघों पेल्विस और हिप्स में दर्द रहता है।
कुछ लोग बार-बार बीमार पड़ते रहते हैं। अगर आपको सर्दी खांसी ज्यादा रहती है तो ये शरीर में विटामिन डी की कमी के संकेत हैं। विटामिन डी की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है. जिससे आप अक्सर बीमार रहते हैं.।
विटामिन डी आपकी त्वचा पर भी असर डालता है। विटामिन डी की कमी होने पर स्किन ड्राई और लाल हो जाती है। कई बार बहुत खुजली और मुहांसों की समस्या होने लगती है। विटामिन डी कम होने पर ऐजिंग की समस्या शुरू हो जाती है।
अपने डायट में कुछ खास चीजों को शामिल कर भी आप विटामिन-डी की अपनी खुराक को पूरा कर सकते हैं। टमाटर, शलजम, शकरकंद, चुकंदर, मशरूम, पनीर, नीबू और अंडे के पीले भाग में विटामिन डी पाया जाता है। गाय के दूध और दही में भी यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए डार्क चॉकलेट और कोको बटर को भी आप अपने डेली डायट में शामिल कर सकते हैं।
कैसे करें इस कमी को पूरा
विटामिन-डी की कमी को पूरा करने का सबसे आसान उपाय है प्रतिदिन पर्याप्त देर धूप में बैठना। वैसे तो किसी भी समय धूप में बैठना सही रहता है लेकिन इसके लिए सुबह की धूप सबसे अच्छी होती है। जैसे-जैसे धूप तेज होती जाती है इसका असर भी कम होता जाता है. सर्दियों में जब कई-कई दिनों तक धूप नहीं निकलती तब इसकी कमी को पूरा करने के लिए विटामिन-डी के इंजेक्शन या टेबलेट भी दिये जा सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
ध्यान देने वाली बात यह है कि खाने-पीने की चीजों में विटामिन-डी की मात्रा बेहद कम होती है। साल्मन फिश में यह अच्छी मात्रा में पाया जाता है लेकिन ठंडे पानी की यह मछली भारत में नहीं पायी जाती। मॉडर्न लाइफस्टाइल में धूप को जगह न देने के कारण भारत में 70 से 90 फीसदी लोग विटमिन-डी की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। प्रतिदिन कुछ देर धूप में जरूर बिताएं।