प्रश्नः नवजात शिशु को स्तनपान कराना कब शुरू करना चाहिए?
उत्तरः बच्चे को जन्म के एक घंटे के अंदर ही स्तनपान कराना शुरु कर देना चाहिए। मां का पहला दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है। इसे कोलोस्ट्रम भी कहा जाता है।
प्रश्नः मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) बच्चे के लिए कैसे लाभदायक हैं?
उत्तरः शिशु के जन्म के बाद वाला मां का पहला दूध होता है जो गहरे पीले रंग का या इससे मिलते-जुलते रंग का होता है, इसे ही कोलोस्ट्रम कहा जाता है। यह दूध शिशु के शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और एंटीबॉडिज़ से भरपूर होता है। यह बच्चे को पोषण देने के साथ-साथ उसे संभावित बीमारियों तथा संक्रमण से बचाता है।
उत्तरः बच्चे को जन्म के एक घंटे के अंदर ही स्तनपान कराना शुरु कर देना चाहिए। मां का पहला दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है। इसे कोलोस्ट्रम भी कहा जाता है।
प्रश्नः मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) बच्चे के लिए कैसे लाभदायक हैं?
उत्तरः शिशु के जन्म के बाद वाला मां का पहला दूध होता है जो गहरे पीले रंग का या इससे मिलते-जुलते रंग का होता है, इसे ही कोलोस्ट्रम कहा जाता है। यह दूध शिशु के शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और एंटीबॉडिज़ से भरपूर होता है। यह बच्चे को पोषण देने के साथ-साथ उसे संभावित बीमारियों तथा संक्रमण से बचाता है।
प्रश्नः शिशु को पहले कुछ हफ्तों में कितनी बार स्तनपान कराना चाहिए?
उत्तरः शिशु की भूख के अनुसार उसे दिन में 8 बार (हर 2 से 3 घंटे के अंतराल पर) स्तनपान कराना चाहिए। प्रश्नः शिशु को स्तनपान कब तक कराना चाहिए?
उत्तरः बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक उसे स्तनपान कराना चाहिए। इसके बाद शिशु को अन्य तरल (लिक्विड) तथा ठोस आहार देना चाहिए और स्तनपान कम करवा देना चाहिए। आम तौर पर बच्चे को दो से ढाई वर्ष की अवस्था तक स्तनपान करवाना चाहिए।
उत्तरः शिशु की भूख के अनुसार उसे दिन में 8 बार (हर 2 से 3 घंटे के अंतराल पर) स्तनपान कराना चाहिए। प्रश्नः शिशु को स्तनपान कब तक कराना चाहिए?
उत्तरः बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक उसे स्तनपान कराना चाहिए। इसके बाद शिशु को अन्य तरल (लिक्विड) तथा ठोस आहार देना चाहिए और स्तनपान कम करवा देना चाहिए। आम तौर पर बच्चे को दो से ढाई वर्ष की अवस्था तक स्तनपान करवाना चाहिए।
प्रश्नः क्या स्तनपान में भी कोई विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है?
उत्तरः जी हां, यदि मां किसी संक्रामक बीमारी (जैसे HIV, STD आदि) से ग्रसित है तथा शिशु को संक्रमण नहीं है तो स्तनपान के पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। इस अवस्था में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही स्तनपान करवाना चाहिए अन्यथा शिशु की जान को खतरा हो सकता है।
उत्तरः जी हां, यदि मां किसी संक्रामक बीमारी (जैसे HIV, STD आदि) से ग्रसित है तथा शिशु को संक्रमण नहीं है तो स्तनपान के पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। इस अवस्था में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही स्तनपान करवाना चाहिए अन्यथा शिशु की जान को खतरा हो सकता है।
प्रश्नः क्या स्तनपान कराने वाली मां को लिए स्मोकिंग, एल्कोहल या अन्य दवाओं का उपयोग करना चाहिए?
उत्तरः कोई भी महिला जो स्तनपान कराती हो, उसे सदैव अल्कोहल, स्मोकिंग (या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन) तथा कुछ खास दवाओं के प्रयोग से बचना चाहिए। इनके हानिकारक तत्व मां के दूध के माध्यम से बच्चे के शरीर में प्रवेश कर उसे बीमार कर सकते हैं। किसी भी तरह की दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लेनी चाहिए।
उत्तरः कोई भी महिला जो स्तनपान कराती हो, उसे सदैव अल्कोहल, स्मोकिंग (या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन) तथा कुछ खास दवाओं के प्रयोग से बचना चाहिए। इनके हानिकारक तत्व मां के दूध के माध्यम से बच्चे के शरीर में प्रवेश कर उसे बीमार कर सकते हैं। किसी भी तरह की दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लेनी चाहिए।
प्रश्नः मां के लिए स्तनपान के क्या लाभ हैं?
उत्तरः स्तनपान केवल नवजात शिशु के लिए ही नहीं वरन मां के लिए भी लाभकारी है। यह मां के अंदर स्तन कैंसर, कैंसर, अंडाशय का कैंसर, ह्रदय रोग तथा डिप्रेशन से लड़ने की क्षमता विकसित करता है। यही नहीं स्तनपान से मां को प्रसव के बाद वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
उत्तरः स्तनपान केवल नवजात शिशु के लिए ही नहीं वरन मां के लिए भी लाभकारी है। यह मां के अंदर स्तन कैंसर, कैंसर, अंडाशय का कैंसर, ह्रदय रोग तथा डिप्रेशन से लड़ने की क्षमता विकसित करता है। यही नहीं स्तनपान से मां को प्रसव के बाद वजन कम करने में भी मदद मिलती है।