सांस के जरिए की जा सकेगी मलेरिया की जांच
Published: May 18, 2016 11:45:00 am
शोधकर्ता एक ऐसी डिवाइस तैयार करने में जुटे हैं, जिसके लिए ना ही खून के नमूनों की जरूरत होगी और ना ही स्वास्थ कर्मियों की। मलेरिया की जांच बस सांस के जरिए ही की जा सकेगी।
दुनिया भर में मलेरिया की पहचान में देरी की वजह से असमय लाखों लोगों की असमय मौत हो जाती है। इसी की मद्देनजर शोधकर्ता एक ऐसी डिवाइस तैयार करने में जुटे हैं, जिसके लिए ना ही खून के नमूनों की जरूरत होगी और ना ही स्वास्थ कर्मियों की। मलेरिया की जांच बस सांस के जरिए ही की जा सकेगी।
इस बाबत वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ऑड्रे ओडम कहते हैं यह डिवाइस ठीक उसी तरह काम करेगी जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का ब्रीथेलाइजर टेस्ट किया जाता है।
इस डिवाइस के जरिए मौजूद जांच के तरीकों की अपेक्षा बहुत कम खर्च आएगा। साथ ही रक्त के नमूने लेने की जरूरत पड़ेगी और ना ही किसी प्रशिक्षित स्वास्थकर्मी की।
दरअसल, शोधकर्ताओं ने टेरेपेनेस नाम के ऐसे खुशबूदार कार्बनिक यौगिकों का उत्पादन करने वाले परजीवी की पहचान की है, जिनकी महक मच्छरों को आकर्षित करती है। इस तरह के तत्व जब खून में मौजूद होते हैं तो दरअसल वे फेफड़ों में आ जाते हैं और फिर मरीज की सांसों में भी। शोध में यह बात सामने आने के बाद वैज्ञानिक ऐसे डिवाइस बनाने में जुट गए हैं, जिससे सांस के जरिए ही इस बीमारी का पता लगाया जा सके।
विश्व स्वास्थ संगठन के मुताबिक हर साल 5 लाख लोग मलेरिया के चलते मारे जाते हैं।अधिकतर मौते समय से जांच नहीं हो पाने के चलते होती हैं।