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सावधान, मोटापे से किडनी भी हो सकती है खराब

मोटापे से क्रॉनिक किडनी डिजीज की आशंका बढ़ती है। इससे किडनी को रक्त पिफल्टर करने के लिए ज्यादा कार्य करना पडता है। किडनी के नेफ्रॉन्स खराब होने लगते हैं।

जयपुरMar 09, 2019 / 04:10 pm

Ramesh Singh

दुनियाभर में करीब 19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं। तकरीबन हर साल इस बीमारी से छह लाख महिलाओं की मौत हो रही है। क्रोनिक किडनी डिजीज होने के कई कारण हैं जिसमें सबसे प्रमुख मधुमेह और मोटापा है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, किडनी से जुड़ा पारिवारिक इतिहास, पथरी और एंटीबायोटिक दवाइयों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल शामिल है।
जानिए मोटापा से कैसे खराब होती है
मोटापे से नेफ्रॉन्स (खून को फिल्टर करने की जालियां) का कार्य बढ़ जाता है। किडनी की कोशिकाएं खराब होने लगती हैं। ये दोबारा विकसित नहीं होते हैं। मोटापे से एफएसजीएस (फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरुलोस्केलेरोसिस) बीमारी होती है। समय से पहचान नहीं होने से किडनी खराब होती है।
जंकफूड व सॉफ्ट ड्रिंक
जंकफूड में प्रिजर्वेटिव तत्व, अजीनोमोटो और कई तरह के चाइनीज नमक से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ती है। इससे रक्तचाप बढ़ता है। जिससे किडनी की कोशिकाओं को तेजी से नुकसान पहुंचता है। सॉफ्ट ड्रिंक्स का ज्यादा प्रयोग किडनी के लिए ठीक नहीं है।
जितनी जरूरत उतना लें प्रोटीन
यदि किडनी खराब हो चुकी है तो किडनी की स्थिति के अनुसार प्रोटीन निर्धारित किया जाता है। ऐसे में तय मात्रा से ज्यादा लेने से दिक्कत हो सकती है।
धूम्रपान ऐसे करता नुकसान
धूम्रपान, गुटखा, तम्बाकू से खून की नलियां सिकुड़कर ब्लॉक होने लगती हैं। इससे किडनी को विषैले तत्वों को बाहर निकालने में दिक्कत होती है, जिससे यूरिन में प्रोटीन जाने लगता है।
– डॉ. आलोक जैन सीनियर यूरोलॉजिस्ट, जयपुर

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