जबकि दूसरी तरफ 28-30 की उम्र में शादी करने वाली महिला 40-45 साल तक युवा बनी रहती हैं। शिक्षा व जागरूकता की कमी को विशेषज्ञ इसके लिए जिम्मेदार मानती हैं। गायनॉकोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मी मारू कहती हैं, समय से पहले शादी और फिर 16-17 साल की कम उम्र में मां बनना। यहीं से लड़कियों को शारीरिक समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए महिला एक-दो बच्चों के बाद अपनी बच्चेदानी निकलवा देती हैं, इसके बावजूद उन्हें राहत नहीं मिलती है।
उन्हें यूट्रेस इन्फेक्शन, मीनोपॉज सिस्टम, पेल्विक इन्फैमेट्री डिजीज (पीआईडी) की बीमारी हो जाती हैं। यह महिला के प्रोडक्टिव ऑर्गन पर असर डालता है। उन पर मनोवैज्ञानिक असर भी पड़ता है। 15-20 साल की बच्ची की प्रेग्नेंसी के दौरान समस्या आती है व मौत भी हो सकती है
90 फीसदी अवयस्क लड़कियां प्रगतिशील देशों में गर्भवती हो जाती हैं 50 फीसदी अजन्मे की मौत की संभावना ज्यादा, अगर मां की उम्र कम हो