गौरतलब हो कि सीरम टोटल और एचडीएल – कोलेस्ट्रोल की जांच पहले खाली पेट और फिर खाने के बाद की जाती है। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर जितना अधिक होगा उतना ही दिल के रोगों और दौरे का खतरा बढ़ जाता है। देश में मरने वालों में ज्यादा लोग दिल का दौरा के शिकार पाए जाते हैं। अगर कोलेस्ट्रॉल स्तर में 10 प्रतिशत की कमी कर दें तो दिल के दौरे से मरने वालों की संख्या में 20 से 30 फीसदी की गिरावट हो सकती है।
तनाव, मामूली बीमारी और पोस्चर की वजह से किसी व्यक्ति में 4 से 11 प्रतिशत तक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का फर्क हो सकता है। अलग-अलग प्रयोगशाला से भी 14 प्रतिशत तक का फर्क आ सकता है। यानि अगर किसी का सीरम कोलेस्ट्रॉल 200 एमजी आया है, तो यह 172 से 228 एमजी के बीच हो सकता है। अगर अचूक जांच की जरूरत हो, तो एक से ज्यादा बार जांच करानी चाहिए। सीरम एचडीएल-सी और ट्राइग्लिसराइड्स में इससे भी ज्यादा फर्क हो सकता है। एक मानक सीरम लिपिड प्रोफाइल में टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल शामिल होता है। लिपिड प्रोफाइल भूखे रहने के 12 से 14 घंटे बाद कराना चाहिए। इसके लिए प्लाज्मा या सीरम स्पेसिमन का प्रयोग किया जा सकता है। सेरम कोलेस्ट्रॉल प्लाजमा की तुलना में 3 प्रतिशत तक कम होता है।
कोलेस्ट्रोल से बचाव के उपाए गौरतलब हो कि सैचुरेटेड फैट अस्वस्थ एलडीएल बढ़ाते हैं। इसलिए इसका परहेज करें। इस मौसम में आप सेहतमंद अनसेचुरेटेड फैट मछली, नट्स और वेजीटेबल ऑयल्स को अपनी खानपान में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही होल ग्रेन ब्रेड, पास्ता खाएं जिससे आपका ब्लड शूगर नहीं बढ़ेगा। साथ ही दिन भर आपका पेट भी भरा रहेगा। हो सके तो ज्यादा फल और सब्जियां खाएं और लो फैट दही लें और कम चीनी वाले ब्रांड अपनाएं।