स्वास्थ्य

CORONA TREATMENT : हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के प्रयोग को लेकर विवाद बढ़ा

मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के प्रयोग को लेकर दुनिया भर से 96 हजार कोरोना मरीजों पर अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रयोग से मरीजों में अनियमित ब्लडप्रेशर, छाती में दर्द व हार्ट अटैक और मौतों की आशंका बढ़ती है। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित हुआ है। इसके विपरीत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने इस दवा के प्रयोग का दायरा बढ़ा दिया है।

May 24, 2020 / 09:38 pm

Ramesh Singh

वाशिंगटन. नई दिल्ली. बोस्टन में अध्ययन के प्रमुख लेखक और ब्रिघम एंड वीमेन्स हॉस्पिटल सेंटर फॉर एडवांस हार्ट डिजीज के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मनदीप आर. मेहरा ने बताया कि छह महाद्वीपों के 671 हॉस्पिटल में दिसंबर 2019 से अप्रेल 2020 तक संक्रमितों पर अध्ययन किया गया। 96,000 मरीजों को एचसीक्यू व क्लोरोक्वीन दवा एक प्रकार के एंटीबायोटिक के साथ दी गई और अन्य को एजिथ्रोमाइसिन या क्लियरिथ्रोमाइसिन दी गई। दवा देने के 48 घंटे बाद एंटी मलेरियल दवा लेने वाले मरीजों पर कोई असर नहीं हुआ। इससे मरीजों की मृत्युदर 34 प्रतिशत और हृदय संबंधी खतरा 136 प्रतिशत तक बढ़ गया। जिन मरीजों को एंटीबायोटिक के साथ दिया गया उनमें मृत्यु दर 45 प्रतिशत और हृदय संबंधी खतरा 411 प्रतिशत तक बढ़ गया। यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख में हार्ट सेंटर के निदेशक और अध्ययन के सह लेखक प्रोफेसर फ्रैंक रुसचित्जका ने कहा कि हमने दुनिया भर के रोगियों पर अध्ययन किया है। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि भारतीय रोगियों पर इसका कोई अलग असर होगा।

अध्ययन राजनीति से प्रेरित : ट्रंप
ट्रंप ने इससे जुड़े अध्ययनों के बारे में कहा कि यह अध्ययन बिना सबूतों के हैं। अध्ययन करने वाले लोग राजनीति से प्रेरित हैं। कोरोना वायरस पाबंदियों को खत्म करने के उनके प्रयासों पर पानी फेरना चाहते हैं। गौरतलब हो कि अमरीका हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की तीन करोड़ से अधिक खुराक का भंडार किया है। जबकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) कह चुका है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसे अस्पतालों या क्लिनिकल परीक्षणों के लिए करें।

आइसीएमआर ने दवा के प्रयोग का दायरा बढ़ाया
एनआइवी पुणे में एचसीक्यू की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है। इसके बाद आइसीएमआर ने संशोधित एडवाइजरी जारी कर कहा है कि सामान्य अस्पतालों में काम करने वाले बिना लक्षण वाले हैल्थकेयर, कंटेनमेंट जोन में निगरानी क्षेत्र में तैनात फ्रंटलाइन वर्कर, कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी गतिविधियों में शामिल पुलिस व अर्धसैन्य बलों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले सकते हैं। दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है। साथ ही यह भी कहा है कि बिना चिकित्सक की परामर्श व निगरानी के इस दवा का प्रयोग न करें। इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को न दें।

Home / Health / CORONA TREATMENT : हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के प्रयोग को लेकर विवाद बढ़ा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.