जापान में हुए इस शोध का परिणाम आने के बाद स्कूल, कॉलेजों और कंपनियों में लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने तनाव और दु:ख को याद कर रोएं। इससे व्यक्ति खुद को हल्का और ऊर्जावान महसूस करता है। हफ्ते में एक बार अपने साथ हुई सबसे खराब बात को याद करते हुए रोने की कोशिश करनी चाहिए। मन हल्का होगा और शरीर में स्फूर्ति आएगी और खुद को मजबूत महसूस करेंगे।
जब बच्चों ने कहा रोने से दूर हुई परेशानी
जापान के निप्पन मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर जुंको उमिहारा का कहना है कि रोना सेल्फ डिफेंस की तरह काम करता है। जिस भी बात को लेकर अवसाद या निराशा मन में चल रही होती है वो आंसुओं के जरिए बाहर निकल जाती है। 2014 में जापान के टोहो यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर हिडेहो अरिता ने एक टीम बनाई जिसमें लोगों को रोने के फायदे के बारे में बताया जाता है। बीते माह सात सितंबर को कंसाई के ओसाका हाई स्कूल में आयोजित एक सेमिनार में 79 बच्चों को रोने के ऊपर लेक्चर दिया गया और उसके बाद एक फिल्म दिखाई गई। लेक्चर सुनने और फिल्म देखने के बाद बच्चों को अपने अनुभव लिखने को कहा गया। किसी ने घर परिवार की चिंता को लेकर बात लिखी तो किसी ने अपनी पढ़ाई को लेकर परेशानी बताई। कुछ बच्चे कहानी लिखते वक्त रोते भी नजर आए। इसके बाद उन्होंने कहा कि वे पहले की तुलना में अच्छा महसूस कर रहे हैं जब वे किसी बात को लेकर चिंतित थे।
रोने से निकलता ये हॉर्मोन जो खुशी देता है
1981 में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के डॉ. विलियम फ्रे ने एक स्टडी की थी जिसका नाम दिया था टीयर एक्सपर्ट। इसमें उन्होंने बताया था कि रोने से एंडॉर्फिन्स हॉर्मोन रिलीज होता है जिससे व्यक्ति खुश और अच्छा महसूस करता है। रिसर्च रिपोर्ट में सलाह दी थी कि एक बार हर व्यक्ति को इसे आजमाकर देखना चाहिए। 2008 में तीन हजार लोगों पर एक शोध में पता चला था कि जब व्यक्ति अकेला और असहाय होता है तो रोने से कठिन परिस्थिति में वे अच्छा महसूस करता है। रोना एक थैरेपी है जिसका स्वास्थय पर अच्छा असर होता है।
हंसने और सोने से अच्छा होता है रोना
जापान के एक निजी स्कूल के 43 वर्षीय शिक्षक हिदेफूमी योशिदा को टीयर्स टीचर कहा जाता है। ये पांच साल से स्कूल में बच्चों को रोने के लिए क्लास चलाते हैं और उन्हें बताते हैं कि कैसे वे अपने तनाव को कम कर सकते हैं। दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए कैंप लगाते हैं जहां रोने और आंसू निकलने से होने वाले फायदे के बारे में बताते हैं। इनका कहना है कि खुद को तरोताजा और तनाव से दूर रखना है तो सोने और हंसने से अच्छा है कि कुछ वक्त रो लिया जाए।
ये तरीके भी तनाव से निकलने में फायदेमंद
टियर टीचर योशिदा का कहना है कि गम में डूबा व्यक्ति दु:खी गाने, सैड फिल्में और ऐसी किताबें पढ़ रहा है जिसमें दु:ख देखने या समझने को मिलता है तो इसके लिए उसे कभी मना नहीं करना चाहिए। रोने से दिमाग की कोशिकाएं एक्टिव होती हैं और व्यक्ति को उसके गम या दु:ख से निकलने में मदद करती हैं जिसका सीधा असर उसके जीवन और दिनचर्या में देखने को मिलता है।