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पुरुषों में इन बीमारियों का होता है सबसे ज्यादा खतरा, जानिए कारण और बचाव के उपाय

locationनई दिल्लीPublished: Mar 24, 2022 03:43:31 pm

Submitted by:

Harshit Sharma

बीमारियां किसी को कभी भी, किसी भी उम्र में हो सकती हैं। हालांकि, कुछ बीमारियां केवल पुरुषों को ही होती हैं। महिलाएं उन बीमारियों से ग्रस्त नहीं होतीं और ऐसा शारीरिक संरचना के कारण होता है। जबकि कुछ बीमारियां पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से पाई जाती हैं। तो चलिए आप आपको पुरुषों में होने वाली बीमारियों के बारे में बताएं। साथ ही कुछ सामान्य बीमारियों पर भी चर्चा करेंगे जो अमूमन पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती हैं।

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पुरुषों में इन बीमारियों का होता है सबसे ज्यादा खतरा, जानिए कारण और बचाव के उपाय

पुरुषों की शारीरिक संरचना अलग होने के कारण उनमें कुछ बीमारियां भी अलग होती है। हार्मोन्स और जननांग से जुड़ी ये बीमारिया कौन-कौन सी होती हैं और किन बीमारियों के चपेट में पुरष ज्यादा आते हैं। चलिए जानें।
प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषो में ही पाई जाती है। प्रोस्टेट ग्रंथि का बड़ा होना या इमसें सेल्स का अतिरिक्त बढ़ा कैंसर होने में तब्दील हो जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाएं जब नियंत्रण से बहार होने लगती है तब कैंसर का खतरा बढ़ता है।कई बार ये कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि के बहार तक फैल जाता है। प्रोस्टेट कैंसर को पनपने से रोकने के लिए समय रहते इसमें हो रहे बदलाव या परेशानी को पहचानना होता है।
कैल्शियम की कमी या ऑस्टियोपोरोसिस
हड्डियों का कमजोर होना या हडि्डयों के भुरभुरेपन की बीमारी ही ऑस्टियोपोरोसिस होती है। 45 से 50 की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और हड्डियां कमजोर हो कर भुरभुरी होने लगती हैं। हालांकि ये बीमरी महिलाओं में भी होती है, लेकिन पुुरषों में भी बहुतायत से ये बीमारी देखने को मिलती है। बोन मास डेंसिटी कम होने से हड्डियों में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है ।
कैल्शियम की कमी कैसे करे दूर
हड्डियों की मजबूती और ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम रिच फूड के साथ विटामिन डी युक्त चीजें खानी चाहिए। सुबह की धूप सेंकने की आदत डालें।

मेनोपॉज़
महिलाओं की तरह पुरुषों में भी मेनोपॉज़ आता है। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओ को एस्ट्रोजन हॉर्मोन्स की कमी होने लगती है, जबकि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन्स की कमी होने लगती है। 50 वर्ष के बाद पुरूषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन्स कम होने से लगते है। टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन्स काम होने से थकावट, उदासी , नींद न आना और सेक्स में रुचि नहीं रहती। ऐसे में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने पर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है।हालांकि, इस थेरेपी के साइड एफेक्ट बहुत होते हैं, इसलिए नेचुरल तरीके से ही इस हार्मोन को बढ़ना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर
पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। जागरूकता ना होने और लापरवाही बरतने पर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का पता एडवांस स्टेज पर चलने पर गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि, यह समस्या पुरुषों को महिलाओं की तुलना में कम देखने को मिलती है।
पुरुषों में स्तन कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे अगर किसी पुरुष में रेडिएशन थेरेपी ली है, तो उससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। अत्यधिक वजन और मोटापा भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है। क्योंकि मोटापे के कारण शरीर में मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या हो जाती है, जिससे पुरुषों में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी परिवारीजन को ब्रेस्ट कैंसर है या पहले कभी हुआ है, तो भी परिवार के अन्य पुरुष को स्तन कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।
गंजापन
पुरुषों में गंजापन एक आम बीमारी है। जेनेटिक कारणों के अलावा कई बार बाल झड़ने की समस्या शरीर में आयरन की कमी ,डायबिटीज ,फंगल इन्फेक्शन , तनाव आदि के कारण भी होती है। कई बार अधिक तनाव , ज्यादा दवाईओ का सेवन या दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। एक्सरसाइज और डाइट में प्रोटीन और विटामिन के साथ मिनरल्स को शामिल करें। खासकर बायोटिन , फोलिक एसिड , ओमेगा 3 जैसी चीज़ो को अपनी डाइट में शामिल करें। 
पुरुषो में पाए जाने वाली कुछ आम समस्याएं

तो अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं तो अपना फुल बॉडी चेकअप जरूर कराते रहें।साथ ही शरीर में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव या समस्या को कभी भूल कर भी नजरअंदाज न करें।
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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