चक्कर अगर बार-बार आ रहा तो हो सकते हैं ये कारण- frequent dizziness causes
ब्लड प्रेशर लो होना- ब्लड प्रेशर लो होने पर चक्कर आ सकता है। बैठते-उठते चक्कर का रह-रह कर आना और साथ में धुंधला दिखना बीपी लो का संकेत होता है।
ब्लड प्रेशर लो होना- ब्लड प्रेशर लो होने पर चक्कर आ सकता है। बैठते-उठते चक्कर का रह-रह कर आना और साथ में धुंधला दिखना बीपी लो का संकेत होता है।
डिहाइड्रेशन- शरीर में पानी की कमी के कारण भी बीपी लो होने लगता है। अगर अचानक से सुस्ती छाए या सिर चक्कराने लगे तो ये पानी की कमी का लक्षण है। साथ में मुंह सूखे और होठ पर पपड़ी बनने लगे तो ये डिहाइड्रेशन का गंभीर लक्षण हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर - बिना किसी वजह के अगर बार-बार आपको चक्कर आते हैं तो ये ब्रेन में ट्यूमर के संकेत को भी बताता है। चक्कर के साथ तेज सिर में हो तो इसे बिलकुल नजर अंदाज न करें।
स्पॉडिलाइसिस- गर्दन की सबसे गंभ्मीर समस्या है स्पॉडिलाइसिस। इसी बीमारी में भी अचानक से चक्कर आता है। और बैठे-बैठे भी सिर घूमने लगता है। ब्लड शुगर लेवल कम होना-अगर बॉडी में शुगर का स्तर अचानक से कम होता है तो भी चक्कर आने लगता है।
न्यूरोलॉजिकल कंडीशन- न्यूरो संबंधित बीमारी जैसे पार्किंसंस डिजीज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित हो रहा तो भी चक्कर आते हैं।
न्यूरोलॉजिकल कंडीशन- न्यूरो संबंधित बीमारी जैसे पार्किंसंस डिजीज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित हो रहा तो भी चक्कर आते हैं।
एंग्जाइटी अटैक - तनाव जब एक्सट्रीम लेवल पर पहुंच जाता है तब एंग्जाइटी अटैक आते हैं और इसमें सीने में दर्द के सा चक्कर आने जैसी समस्या भी होती है। इन बीमारियों में भी चक्कर आना आम बात है
माइग्रेन, हाइपर एसिडिटी, गैस आदि की समस्या में भी चक्कर आने की समस्या होती है। चक्कर आने पर क्या करें- what to do when dizzy
- खुली हवा में ज्यादा समय बिताएं
- दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं
- अच्छी नींद ले, लेकिन ज्यादा देर तक भी ना सोए
- फल एवं प्रोटीन युक्त चीज़े ज्यादा खाएं
- कैफीन, शराब तंबाकू जैसी चीजों से दूर रहे
- योगा-मेडिटेशन करें
(डिस्क्लेमर: आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)