दोस्त : दोस्तों को चाहिए की क्रिकेटर युवराज सिंह, मनीषा कोइराला जैसे लोगों का उदाहरण दें जो कैंसर की लड़ाई जीत चुके हैं। इससे मरीज में सकारात्मक सोच आएगी।
रिश्तेदार : मरीज को किसी भी हाल में बेचारा न समझें। उसके साथ सामान्य व्यक्ति की तरह ही व्यवहार करें। उसके सामने बीमारी के बारे में और निराशाजनक बातें न करें।
…बेचैनी बढ़े या तनाव रहे तो काउंसिलिंग जरूरी
घरवालों को लगे कि मरीज कैंसर की वजह से तनाव व बेचैनी में रहने लगा है तो विशेषज्ञ से संपर्क करें। मरीज की स्थिति के बारे में विस्तार से बताएं। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को साइकोथैरेपी देते हैं।
– डॉ. रानू पाटनी, वरिष्ठ महिला कैंसर रोग विशेषज्ञ, जयपुर