एसिडिक चीजों से करता सुरक्षा इनेमल दांत को कवर करने वाला सुरक्षा कवच है। यह शरीर का सबसे कठोर ऊतक है। यह दांतों को दैनिक उपयोग जैसे चबाने, काटने और पीसने में मदद करता है। यह खाने-पीने की गर्म और ठंडी चीजों के कारण दांतों में होने वाले नुकसान से बचाता है। इनेमल एसिड और रसायनों का दांत पर सीधे नुकसान से रोकता है।
बढ़ती कैविटी की आशंका दांतों में डेंटिन होता है। यह इनर ट्यूब्स का एक समूह होता है जो दांत की तंत्रिकाओं और अन्य कोशिकाओं को कवर करता है। जब इनेमल हट जाता है तो दांतों के डेंटिन और नसें दिखने लगती हैं। इस वजह से दांतों में दर्द और सनसनाहट हो सकती है। दांतों में कैविटी, संक्रमण और गिरने की आशंका बढ़ जाती है।
गैस्ट्रिक से होती सबसे ज्यादा क्षति गैस्ट्रिक के मरीजों में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है जो मुंह केे पीएच लेवल (पॉवर ऑफ हाइड्रोजन) को नुकसान पहुंचाता है। लार में पीएच कम होने से इनेमल कमजोर होता है।
आयुर्वेद के अनुसार दांतों की सफाई के लिए नीम, महुआ, बबूल, खैर और करंज की दातून करते हैं। इनमें एंटी कैरीज यानी कृमिनाशक तत्त्व पाए जाते हैं। एसिडिक आहार भी जिम्मेदार लार दांतों के लिए जरूरी है। यह एक तरह से सुरक्षा कवच का कार्य करती है। लार में एसिड को निष्क्रिय करती है। यदि आप बहुत अधिक एसिडिक आहार लेते हैं और सही तरीके से ब्रश नहीं करते हैं तो इनेमल समय के साथ कमजोर होता जाएगा। इनेमल का कमजोर होना खाने के बाद दांतों की सफाई पर निर्भर करता है।
ऐसे करें बचाव ये उपाय कारगर – डॉ. प्रदीप जैन, प्रिंसिपल, गवर्मेंट डेंटल कॉलेज जयपुर