मेनोपॉज की स्थिति में महिला को घबराने की जरूरत नहीं है। मेनोपॉज के दौरान किसी भी शारीरिक तकलीफ को नजरअंदाज न करें। 40 की उम्र के बाद करीब एक साल तक मासिक धर्म नहीं आता है तो इसे मेनोपॉज की अवस्था माना जाता है। मासिक धर्म धीरे-धीरे कम होता है। एक दो साल के भीतर पूरी तरह बंद हो जाता है। इसका कारण शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा का कम होना होता है। इस समय शक्कर खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसे खाने से हड्डियों में दर्द बढ़ता है। बीपी, थायरॉइड, मधुमेह वजन, पैपस्मीयर, मैमोग्राफी की जांच जरूरी है।
गुनगुने पानी से नहाना
शरीर में अधिक गर्मी को मेडिकली (हॉट फ्लशेज) कहते हैं। इससे बचाव के लिए मसालेदार और चटपटा भोजन खाने से बचना चाहिए। शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी से परहेज करें। ढीले व सूती कपड़े पहनें। रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं। तनाव न लें।
कुछ समय तक रहती है इस तरह की दिक्कत
ऐसे कम कर सकते हैं तकलीफ संक्रमण से बचाव की दवा दी जाती है
मेनोपॉज के दौरान जननांग में संक्रमण का खतरा रहता है। इससे बचाव के लिए ध्यान रखने की जरूरत होती है। संक्रमण होने पर क्रीम और कुछ एंटीबायोटिक दवाएं चलती हैं जिनसे आराम मिलता है। जननांग में संक्रमण होने पर पानी अधिक पीना चाहिए। महिला को ग्वार फली, भिंडी, आलू, मटर, चना और गोभी नहीं खानी चाहिए।
कोशिकाओं को जल्दी खत्म होने से बचाता है सोयाबीन
महिला को सोयाबीन अधिक खाना चाहिए। सोयाबीन शरीर की कोशिकाओं को जल्दी खत्म होने से बचाता है और खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रखता है। नियमित खानपान में गाजर, पालक, टमाटर, आंवला, पपीता और अखरोट शामिल करने चाहिए।
एचआरटी सबसे बेहतर इलाज
मेनोपॉज के बाद शारीरिक तकलीफ से राहत देने के लिए हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी (एचआरटी) देते हैं। एचआरटी से पहले पैपस्मियर और मैमोग्राफी टेस्ट कराने के बाद एचआरटी की डोज तय होती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं।
एस्ट्रोजन की कमी ऐसे होगी पूरी
एस्ट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए काले तिल, पिंड खजूर का बीज निकालकर मिक्सर में पीस लें। नींबू के आकार का लड्डू बनाकर रोज सुबह खाना चाहिए। शरीर में तकलीफ ’यादा हो तो डॉक्टरी सलाह पर शाम को भी ले सकते हैं। इसे खाने का सबसे अ‘छा समय नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी माह होता है। शतावरी एस्ट्रोजन से भरपूर होता है। इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
डॉ. सुनिला खण्डेलवाल, मेनोपॉज एक्सपर्ट, जयपुर
डॉ. हेतल एच दवे, आयुर्वेद विशेषज्ञ, एनआइए, जयपुर