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एंडोमेट्रियोसिस: दस में एक महिला को होती है यह बीमारी

Published: Apr 29, 2017 09:27:00 am

Submitted by:

santosh

एंडोमेट्रियोसिस दस में एक महिला को होती है। यह बीमारी महिला के प्रजनन अंगों को प्रभावित करती है।

एंडोमेट्रियोसिस दस में एक महिला को होती है। यह बीमारी महिला के प्रजनन अंगों को प्रभावित करती है। एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में दर्द, अधिक रक्तस्त्राव व क्रॉनिक पैल्विक दर्द शामिल है।

एंडोमेट्रियोसिस क्या है?
यह समस्या महिला में प्रजनन अंगों को प्रभावित करती है। जो गर्भाशय में सामान्य रूप से लाइनिंग बनाने वाले एंड्रोमेट्रियम ऊत्तक के गर्भाशय के बाहर बढऩे के कारण होता है। इसमें माहवारी के दौरान ऊत्तकों में भी ब्लीडिंग होने से ब्लड ओवरी में जमकर गांठ का रूप ले लेता है। एक अनुमान के अनुसार, 10 में से एक महिला को उनके प्रजनन सालों (आमतौर पर 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच) में यह दिक्कत हो सकती है।
इसके लक्षण क्या हैं? 

इसके लक्षण आमतौर पर माहवारी जैसे होते हैं। जैसे माहवारी के दौरान तेज दर्द, क्रॉनिक पैल्विक दर्द, शारीरिक संपर्क के दौरान या बाद में दर्द, पेट के पास या निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। इससे पीडि़त महिला को इसके कारण लगातार थकावट रहती है व यूरिन के दौरान परेशानी होती है।
इसकी जांच एवं उपचार क्या हैं?

रोग की पहचान होने में सालों का समय लग सकता है। इसका कारण महिलाओं का दर्द को सामान्य मानना है जो मासिक धर्म की अवधि का एक हिस्सा है। एंडोमेट्रियोसिस का पता जनरल एनीस्थिसिया के तहत लेप्रोस्कोपी प्रक्रिया से करते हैं। जिसमें डायग्नोसिस व इलाज एकसाथ किया जाता है। नवीनतम उपचार के तहत इसमें कार्बन डाइऑक्साइड लेजर का इस्तेमाल होने लगा है। इसे स्वस्थ ऊत्तकों को अनजाने में होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
(डॉ.निकिता त्रेहन स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन, सनराइज अस्पताल, नई दिल्ली)

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