स्वास्थ्य

Fake News Debunk : यहां जानें डेंगू के लिए नारियल तेल और इलाइची के इस्तेमाल का सच

मॉनसून आते ही मौसमी बीमारियां जोर पकड़ लेती हैं। ऐसे में डेंगू मलेरिया का खतरा सबसे पहले बढ़ता है।

Sep 15, 2018 / 10:53 am

अमनप्रीत कौर

dengue

मॉनसून आते ही मौसमी बीमारियां जोर पकड़ लेती हैं। ऐसे में डेंगू मलेरिया का खतरा सबसे पहले बढ़ता है। डेंगू मलेरिया कोई नई बीमारियां नहीं है, लेकिन अभी भी इन्हें लेकर लोगों के दिमाग में बहुत सी भ्रांतियां हैं। खासकर जब से सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है, तब से कई तरह के घरेलू नुस्खे और इन बीमारियों से छुटकाना पाने संबंधी मैसेज तेजी से सर्कुलेट होने लगे हैं। बात चाहे चिकनगुनिया ठीक करने के लिए कपूर अपनी जेब में रखने की हो या फिर डायबिटीज को जड़ से खत्म करने की हो, यह तमाम फेक मैसेज हर दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं और ज्यादातर लोग इन पर भरोसा भी करने लगते हैं।
हाल ही एक मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें डेंगू से बचाव के लिए कुछ नुस्खे बताए गए हैं। इसमें लिखा गया है – ‘डेंगू से बचने के लिए घुटनों से पैर के पंजे तक नारियल का तेल लगाएं। यह एंटीबायोटिक परत का की तरह काम करता है। डेंगू का मच्छर घुटनों तक की ऊंचाई से ज्यादा नहीं उड़ सकता है। किसी को डेंगू हुआ हो तो हरी ईलायची के दानों को मुंह में दोनों तरफ रखें, ख्याल रहे, चबाएं नहीं। खाली मुंह में रखने से ही खून के कण नॉर्मल और प्लेटलेट्स तुरंत ही बढ़ जाते हैं।’
पत्रिका डॉट कॉम ने जब इस मैसेज की सत्यता जांचने के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हैड डॉ सी एल नवल से बात की तो उन्होंने इस मैसेज को पूरी तरह से फेक बताया। डॉक्ट नवल ने बताया कि नारियल तेल या इलाइची आदि किसी से भी प्लेटलेट्स पर कोई फर्क नहीं पड़ता। प्लेटलेट्स का बनना बॉडी का नेचुरल फिनॉमिना है। डेंगू में भी शरीर में प्लेटलेट्स बनते तो बराबर हैं, लेकिन ऑटो डिस्सेक्शन होने से समस्या आती है। हालांकि चार-पांच दिन में ही बॉडी का इम्यून सिस्टम रिएक्टिवेट हो जाता है और प्लेटलेट काउंट नॉर्मल आने लगता है। यह नेचुरल प्रोसेस है।
इसी मैसेज में आगे डेंगू के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवा – EUPATORIUM PERFOIAM 200 का जिक्र किया गया है। हालांकि इस पर भी डॉ. नवल ने बताया कि इस तरह के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन किसी की पुष्टि नहीं हुई है। इन दवाईयों के असर का कोई डॉक्यूमेंटेशन प्रूफ या कंफर्मेशन नहीं है। ऐसे में लोगों को अपने आप इस तरह की दवाएं लेने से बचना चाहिए और बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इस तरह असर करता है डेंगू

जब भी डेंगू का वायरस लिए कोई मच्छर इंसान को काटता है तो उसके थूक से यह वायरस हमारे व्हाइट ब्लड सेल्स में प्रवेश कर जाता है। यहां यह वायरस रीप्रोड्यूस होता है और तेजी से बढऩे लगता है। वहीं सेल्स के साथ साथ ही यह पूरे शरीर में भी फैलने लगता है। जब यह ज्यादा बढ़ जाता है तो ब्लडस्ट्रीम में मौजूद यह फ्लूइड छोटे ब्लड वैसल्स की वॉल्स से लीक होकर बॉडी कैविटीज तक पहुंच जाता है। इससे लिवर और बोन मैरो जैसे ऑर्गन्स पर असर पड़ता है और प्लेटलेट काउंट भी कम होने लगता है। अगर आपको भी डेंगू के लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। अपने डॉक्टर खुद न बनें।

संबंधित विषय:

Home / Health / Fake News Debunk : यहां जानें डेंगू के लिए नारियल तेल और इलाइची के इस्तेमाल का सच

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.