scriptदूरबीन से सर्जरी में फास्ट रिकवरी होती | Fast recovery in Laparoscopic surgery | Patrika News

दूरबीन से सर्जरी में फास्ट रिकवरी होती

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2018 08:13:39 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

ओपन सर्जरी की अपेक्षा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (दूरबीन से सर्जरी) ज्यादा सुरक्षित और दर्दरहित मानी जाती है। इसमें मरीज को परेशानी भी कम होती है। सामान्यत: वह 24 से 72 घंटे में ही चलने फिरने की स्थिति में आ जाता है।

laparoscopic surgery, Health, Operation

दूरबीन से सर्जरी में फास्ट रिकवरी होती

जयपुर। ओपन सर्जरी की अपेक्षा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (दूरबीन से सर्जरी) ज्यादा सुरक्षित और दर्दरहित मानी जाती है। इसमें मरीज को परेशानी भी कम होती है। सामान्यत: वह 24 से 72 घंटे में ही चलने फिरने की स्थिति में आ जाता है। हार्ट, बे्रन से लेकर गॉल ब्लैडर (पित्त की थैली), फेफड़े, किडनी आदि अंगों में लेप्रोस्कोपी सर्जरी की जा रही है। इससे अपेंडिक्स, हर्निया के साथ बड़ी और छोटी आंत के ऑपरेशन भी हो रहे हैं। इसमें सामान्यत: ब्लड की जरूरत नहीं पड़ती है। ओपन सर्जरी की तुलना में मरीज की रिकवरी तेजी से होती है। मरीज को 24 से 72 घंटे के अंदर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। इसके बाद उसे दर्द निवारक दवाएं भी कम खानी पड़ती हैं।

0.5 सेमी का चीरा और न्यूनतम टांके

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी मरीज को एनेस्थीसिया देकर की जाती है। बेहोश करने के बाद रोगी की नाभि में पोर्ट से छेदकर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस भरी जाती है, जिससे रोगी का पेट फूल जाता है। तीन और छेद की मदद से हाई रेज्यूलेशन कैमरे और दो अन्य छेद से सर्जरी उपकरण डालते हैं। कंसोल की मदद से चिकित्सक पेट के अंदर मॉनीटर के जरिये हर मूवमेंट पर नजर रखते हैं। उस हिस्से को काटकर निकालते हैं जो बीमारी का कारण है या रोगग्रस्त है। इसमें रोगी के पेट पर एक से 0.5 से 1.5 सेमी. का गोल चीरा लगाते हैं। ऑपरेशन के बाद दो से चार टांके लगाए जाते हैं। मरीज को होश आने के बाद ओटी से रूम या वार्ड में शिफ्ट किया जाता है।

पाइल्स में स्टेपल तकनीक

पहले पाइल्स और फेफड़ों में दिक्कत होने पर ओपन सर्जरी की जाती थी। अब पाइल्स में स्टेपल तकनीक का प्रयोग करते हैं, जिसमें पाइल्स (बवासीर) को स्टेपलर सर्जरी इक्विपमेंट से ऑपरेट कर निकाल दिया जाता है। इसी तरह सीने, फेफड़े और हृदय संबंधी दिक्कत होने पर मिनिमल इनवेसिव सर्जरी (एमआइएस) का प्रयोग किया जाता है। इसमें कई छोटे छेद के माध्यम से सर्जरी कर बीमारी के कारण को ठीक करते हैं। ओपन सर्जरी की अपेक्षा संक्रमण की आशंका 90 प्रतिशत तक कम रहती है। आंतों की सर्जरी व सेप्सिस की स्थिति में संक्रमण की आशंका रहती है। इसमें टांके भी 80 प्रतिशत तक कम लगते हैं।

जानिए क्या है वीपल सर्जरी

प्रैंक्रियाज में दिक्कत होने पर वीपल सर्जरी करते हैं। यह क्रिटिकल होती है। 6-8 सेमी. का चीरा व 4-6 टांके लगाते हैं। ओपन में 40 टांके तक लगाते हैं। रक्त की जरूरत कम पड़ती है।

दो-तीन अंगों की सर्जरीएक ही बार में

एसएमएस अस्पताल जयपुर के जनरल सर्जरी एंड एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र बागड़ी बताते हैं कि एब्डोमिनल एरिया के अंगों की जांच की जाती है। यदि किसी और अंग में सर्जरी की जरूरत होती है तो एक ही बार में कर दी जाती है।

कम दर्द के साथ दवाएं भी कम खानी पड़ती

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो