1 – आंवले का सेवन
आंवले के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में शिशु की डाइट में आंवले को जोड़ा जा सकता है। लेकिन आंवला स्वाद में बेहद ही खट्टा होता है। ऐसे में महिलाएं आंवले के रस को पानी में घोलकर बच्चे को दे सकती हैं। ऐसा करने से न केवल बच्चे को सर्दियों से बचाया जा सकता है बल्कि उसकी इम्यूनिटी भी स्ट्रांग हो सकती है।
आंवले के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में शिशु की डाइट में आंवले को जोड़ा जा सकता है। लेकिन आंवला स्वाद में बेहद ही खट्टा होता है। ऐसे में महिलाएं आंवले के रस को पानी में घोलकर बच्चे को दे सकती हैं। ऐसा करने से न केवल बच्चे को सर्दियों से बचाया जा सकता है बल्कि उसकी इम्यूनिटी भी स्ट्रांग हो सकती है।
2 – गाजर का सेवन
शिशुओं को गाजर देने से भी उन्हें सर्दी जुकाम आदि चीजें समस्याओं से बचाया जा सकता है। बता दें कि गाजर के अंदर और विटामिन ए दोनों पाए जाते हैं। ऐसे में माताएं बच्चे की डाइट में गाजर के जूस को जोड़ सकती हैं। ऐसा करने से शिशुओं की इम्यूनिटी भी मजबूत हो सकती है।
शिशुओं को गाजर देने से भी उन्हें सर्दी जुकाम आदि चीजें समस्याओं से बचाया जा सकता है। बता दें कि गाजर के अंदर और विटामिन ए दोनों पाए जाते हैं। ऐसे में माताएं बच्चे की डाइट में गाजर के जूस को जोड़ सकती हैं। ऐसा करने से शिशुओं की इम्यूनिटी भी मजबूत हो सकती है।
3 – गुड़ का सेवन
सर्दियों की शुरुआत में यदि शिशुओं को गुड़ खिलाया जाए तो उनकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। गुड़ के अंदर कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शिशुओं को सर्दी जुकाम के साथ-साथ फ्लू आदि से भी बचा सकते हैं। ऐसे में माताएं बच्चे को गुड़ का पेस्ट या गुड़ के पानी का सेवन करवा सकती हैं।
सर्दियों की शुरुआत में यदि शिशुओं को गुड़ खिलाया जाए तो उनकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। गुड़ के अंदर कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शिशुओं को सर्दी जुकाम के साथ-साथ फ्लू आदि से भी बचा सकते हैं। ऐसे में माताएं बच्चे को गुड़ का पेस्ट या गुड़ के पानी का सेवन करवा सकती हैं।
4 – शकरकंद का सेवन
शकरकंद के सेवन से भी बच्चों को सर्दी जुकाम आदि से बचाया जा सकता है। बता दें कि शकरकंद के अंदर बीटा कैरोटीन पोटेशियम फाइबर विटामिन ए आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो बच्चों को न केवल सर्दी जुखाम से बचा सकते हैं बल्कि उनकी सेहत के लिए अच्छे भी हो सकते हैं। ऐसे में माताएं शकरकंद को शिशुओं की डाइट में जोड़ सकती हैं।
शकरकंद के सेवन से भी बच्चों को सर्दी जुकाम आदि से बचाया जा सकता है। बता दें कि शकरकंद के अंदर बीटा कैरोटीन पोटेशियम फाइबर विटामिन ए आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो बच्चों को न केवल सर्दी जुखाम से बचा सकते हैं बल्कि उनकी सेहत के लिए अच्छे भी हो सकते हैं। ऐसे में माताएं शकरकंद को शिशुओं की डाइट में जोड़ सकती हैं।
5 – संतरे का सेवन
संतरे का स्वाद खट्टा होता है। इसके अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में माताएं शिशु की डाइट में संतरे को जोड़ सकती हैं। लेकिन इसके स्वाद के चलते माताओं को संतरे का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ऐसे में महिलाएं संतरे का रस या संतरे का गूदा पल्प बच्चों की डाइट में जोड़ सकती हैं। इसके सेवन से न केवल बच्चों को सर्दियों से बचाया जा सकता है बल्कि उसकी इम्यूनिटी भी मजबूत हो सकती है।
संतरे का स्वाद खट्टा होता है। इसके अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में माताएं शिशु की डाइट में संतरे को जोड़ सकती हैं। लेकिन इसके स्वाद के चलते माताओं को संतरे का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ऐसे में महिलाएं संतरे का रस या संतरे का गूदा पल्प बच्चों की डाइट में जोड़ सकती हैं। इसके सेवन से न केवल बच्चों को सर्दियों से बचाया जा सकता है बल्कि उसकी इम्यूनिटी भी मजबूत हो सकती है।
ऊपर बताए गए बातों से पता चलता है कि शिशुओं को सर्दी जुकाम आदि स्पेशल बीमारियों से बचाने में कुछ उपाय आपके बेहद काम आ सकते हैं। हालांकि इन बिंदुओं को बच्चों की डाइट में जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह लेनी जरूरी है।