आग लगे तो दौड़े नहीं
पटाखे या दीए जलाते वक्त आग लग जाए तो भागे नहीं। इससे आग और तेज हो सकती है। बिना देर किए जमीन पर लेट जाएं और दूसरे लोगों को पानी डालना चाहिए। घाव को ठीक करने के लिए बर्फ का प्रयोग न करें वर्ना घाव को ठीक होने में समय लगेगा। गर्म तेेल, पटाखे की चिंगारी आदि से लगी चोट में प्रभावित हिस्से पर हुए घाव पर घी, तेल, मक्खन, टूथपेस्ट या बिना डॉक्टरी सलाह के मरहम न लगाएं। इससे संक्रमण या फफोले होने की आशंका बढ़ जाती है। तुरंत प्लास्टिक सर्जन को दिखाएं।
फस्र्ट-एड किट ऐसे तैयार करें
फस्र्ट एड किट में डॉक्टर की सलाह से एंटीसेप्टिक लोशन व क्रीम, पट्टी, बैंडेज, रुई, कैंची आदि रखें। पेनकिलर दवा भी रख सकते हैं ताकि जरूरत पडऩे पर दे सकेंं।
गंभीर स्थिति में ये करें
आपातकालीन चिकित्सा के लिए कॉल कर सहायता लें। आग बुझाने के बाद सुनिश्चित करें कि पीडि़त किसी सुगंधित सामग्री, धूम्रपान या गर्मी के सम्पर्क में न आए। जले हिस्से पर कपड़ा चिपक जाए तो उसे हटाने का प्रयास न करें। जले हिस्से पर पट्टी न बांधें न ही कपड़े से ढंकें। जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे।
चोट का सटीक उपचार
पटाखें या दीए से शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो जल्दबाजी में कुछ भी न लगाएं। हाथ-पैर या शरीर के किसी भी हिस्से के जल जाने पर सबसे पहले 25 से 30 मिनट के लिए प्रभावित हिस्से को नल के नीचे साफ बहते पानी में तब तक रखें जब तक जलन कम न हो जाए। ध्यान रखें कि पानी ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए। प्रभावित हिस्से को रगड़े नहीं।
ऐसे तैयार करें आयुर्वेदिक किट
हल्दी: पेस्ट बनाकर जले हिस्से पर लगाने से राहत
शहद: इसकी ठंडी तासीर से भी जले हुए हिस्से पर राहत मिलती है। इसे सीधे लगाएं।
एलोवेरा: इसका गूदा जले हुए हिस्से पर सीधा लगाने से जलन कम व फफोले नहीं पड़ेंगे।
नारियल तेल: एंटीफंगल व एंटी बैक्टीरियल गुण होने के कारण यह राहत देता है।
एंटीसेप्टिक लोशन : जले हुए पर संक्रमण न फैले इसके लिए एंटीसेप्टिक लोशन व क्रीम लगाएं।
डॉ. प्रदीप गोयल, प्लास्टिक सर्जन, एसएमएस अस्पताल, जयपुर