शरीर का वैक्यूम क्लीनर है, इसे हैल्थी नहीं रखा तो…
रोजाना 24 घंटे काम करने वाला लिवर वैक्यूम क्लीनर की तरह रक्तसे दूषित पदार्थों को दूर करता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में यकृत या जिगर भी कहते हैं। यह शरीर का इकलौता ऐसा अंग है जो खुद की रिपेयरिंग कर लेता है लेकिन अगर यह ज्यादा प्रभावित हो जाए तो भरपाई करना असंभव हो जाता है।
रोजाना 24 घंटे काम करने वाला लिवर वैक्यूम क्लीनर की तरह रक्तसे दूषित पदार्थों को दूर करता है। एक फैक्ट्री की तरह यह पाचक रस का निर्माण करता है जिसे बाइल कहते हैं। मजबूत मासंपेशियों के लिए यह उचित मात्रा में अमिनो एसिड का निर्माण करता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में यकृत या जिगर भी कहते हैं। यह शरीर का इकलौता ऐसा अंग है जो खुद की रिपेयरिंग कर लेता है लेकिन अगर यह ज्यादा प्रभावित हो जाए तो भरपाई करना असंभव हो जाता है।
लिवर शरीर के सारे पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स आदि को पचाकर आंतों में भेजने का काम करता है। यह विषैले पदार्थों को दूर कर शरीर के सतत संचालन के लिए जरूरी है। अगर इसमें गड़बड़ी हो जाए तो सांस की नली के साथ-साथ पाचनतंत्र भी प्रभावित होने लगता है।
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लिवर की सेहत के लिए जरूरी है कि भोजन में संतुलित आहार लें और एकदम से डाइट में बदलाव न करें। जैसे पतला होने के चक्कर में डाइटिंग या मोटे होने के लिए ओवरईटिंग करना क्योंकि इनका सीधा असर लिवर पर पड़ता है। आइए जानते हैं इस अंग को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी खानपान के बारे में।
रोगी का खानपान
नाश्ता– दलिया व उबली सब्जियां।
लंच – मोटे आटे की दो रोटी, दो कटोरी उबली सब्जी, 100 ग्राम पपीता और एक गिलास छाछ लें। शाम को 100-150 ग्राम फल या एक गिलास नारियल पानी पिएं।
डिनर – मोटे आटे की 1 रोटी, 1 कटोरी दलिया व सब्जियों से बना सूप लें। सोने से एक घंटा पहले 1 कप दूध पिएं। लिवर रोग के साथ कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ हो तो दूूध के साथ एक चम्मच अर्जुन के पेड़ की छाल का पाउडर मिलाकर लें।
लिवर रोगों में सुबह 2-3 गिलास गुनगुना पानी पिएं। हल्के व्यायाम के बाद एलोवेरा व आंवले के दो चम्मच रस में एक चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होगा।
ऐसी हो डाइट
जो लोग स्वस्थ हैं उन्हें लिवर की सेहत के लिए ऐसा खानपान अपनाना चाहिए जो हल्का व आसानी से पचने वाले हो जैसे लौकी, तुरई आदि।
परहेज करें
लिवर की सेहत के लिए जरूरी है कि गरिष्ठ, तला-भुना और मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करें। साथ ही मावे से बनीं मिठाइयों से बचें।
– डॉ. रमाकांत शर्मा, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ
इनसे भी लाभ
1/2 गिलास गाय का कच्चा दूध छानकर इसमें इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर रोजाना खाली पेट पिएं।
100 ग्राम दालचीनी, 200 ग्राम सौंफ और 200 ग्राम मिश्री के पाउडर को मिला लें। एक चम्मच सुबह-शाम एक गिलास पानी से लें।
150 ग्राम अश्वगंधा, 75 ग्राम सौंठ, 100 ग्राम आमी हल्दी (हल्दी की बड़ी गांठ) और गिलोय के डंठल के पाउडर को मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में पानी से सुबह-शाम लें।
संक्रमण होने पर मूली व इसके पत्ते सलाद या जूस के रूप में खाएं।
विषैले तत्वों को दूर करने और फैटी लिवर की समस्या में एलोवेरा का जूस 1/2 गिलास या 1-2 चम्मच गूदा प्रयोग में ले सकते हैं।
(विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें)
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