पणजी। कुपोषण की समस्या से जूझ रहे भारत के लिए प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत सोया एक वरदान की तरह है, जिसमें मानव शरीर के लिए जरूरी सभी नौ अमीनो एसिड मौजूद हैं, जो किसी अन्य खाद्य पदार्थ में एक साथ उपलब्ध नहीं होते। यह कथन अमेरिकी सोयाबीन निर्यात परिषद (यूसेक) के भारत और एशिया उपमहाद्वीप सोया खाद्य कार्यक्रम के निदेशक डॉ रतन शर्मा का है। उन्होंने रविवार को अंतरराष्ट्रीय गेहूं सेमीनार में कहा कि भारत अति कुपोषित देश है और प्रोटीन के सस्ते स्रोत सोया में लोगों में व्याप्त कुपोषण से लडऩे की असीम क्षमता है। सोयाबीन में मानव शरीर के लिए जरूरी सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड मौजूद हैं जो किसी और सब्जी में एकसाथ उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर सोया सबसे सस्ती फली है। सोया और इसकी खुराक मांसपेशियों और वजन में वृद्धि के साथ-साथ मस्तिष्क विकास, सहनशक्ति बढ़ाने, प्रतिरक्षा में सुधार, थकान कम करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है। डॉ शर्मा ने कहा कि सोया मिश्रित गेहूं का आटा मानव शरीर में प्रोटीन और कैलोरी की पर्याप्त जरूरतों को पूरा करता है। साथ ही यह सरकार द्वारा भोजन और पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत निर्धारित मानदंड को भी पूरा करती है।