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साइक्लिंग से नहीं दिखेगा फेस पर बढ़ती उम्र का असर, जानिए फायदे

Published: Aug 18, 2015 05:37:00 pm

नियमित साइक्लिंग से त्वचा अल्ट्रा वॉयलेट
किरणों के दुष्प्रभाव से बचती है जिससे बढ़ती उम्र चेहरे पर दिखाई नहीं देती

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बचपन में लगभग सभी ने साइक्लिंग की होगी, अब मॉडर्न बिजी लाइफ में इसका वक्त नहीं मिल पाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साइक्लिंग आपको कई समस्याओं का समाधान कर सकती है। आइए जानते हैं साइक्लिंग के फायदों के बारे में-

चेहरे पर ना दिखे उम्र का असर
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार नियमित साइक्लिंग से त्वचा अल्ट्रा वॉयलेट किरणों के दुष्प्रभाव से बचती है जिससे बढ़ती उम्र चेहरे पर दिखाई नहीं देती। ब्रिटेन के हार्ले स्ट्रीट क्लीनिक की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. क्रिस्टोफर रॉवलेंड पायने का कहना है कि साइक्लिंग जैसी कसरत से रक्त का संचार तेज होता है और त्वचा की कोशिकाओं को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन व पोषक तत्व मिलते हैं।



आंतों के कैंसर से बचाव
ब्रिस्टॉल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग साइक्लिंग करते हैं, उनकी बड़ी आंत में खाद्य पदार्थो की गतिविधि तेज होकर पाचन आसान हो जाता है। वहीं हार्ले स्ट्रीट के गेस्ट्रोेएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. एना रायमुडो का कहना है साइक्लिंग आंतों के कैंसर का खतरा घटाती है। इससे हार्ट रेट बढ़ती है और सांस तेज चलती है जिससे आंतों को लाभ होता है।

संक्रमण नहीं सताता
साइक्लिंग इम्यून सेल्स को सक्रिय करती है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। इंडोर साइçक्ंलग की बजाय बाहर अभ्यास करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इससे आपको ताजा वातावरण में रहते हुए बिना बोरियत के वर्कआउट करने का मौका मिलता है।

नींद न आने की समस्या
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता कहते हैं कि जो लोग शारीरिक श्रम की कमी के कारण अनिद्रा के रोगी हैं, वे रोजाना 20 से 30 मिनट साइकिल चलाएं। इससे उन्हें सुकून भरी नींद आएगी। साइक्लिंग जैसी एक्सरसाइज से हमारी कारकेडिएन रिद्म (शरीर चक्र) संतुलित होती है। इससे स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसॉल प्रभावहीन हो जाता है और गहरी नींद आती है। उम्रदराज लोगों, घुटने संबंधी परेशानी और जोड़ संबंधी सर्जरी कराने वाले लोग विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही साइक्लिंग करें वर्ना तक लीफ बढ़ने का खतरा हो सकता है। हफ्ते में पांच दिन साइक्लिंग आपको फिट बना सकती है।



मां और शिशु रहेंगे खुश

मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार गर्भावस्था में नियमित साइक्लिंग करने से डिलीवरी के दौरान कम कष्ट होता है। लेकिन शुरूआती और आखिरी महीनों में साइक्लिंग करने से बचें। गर्भवती महिलाओं के लिए इंडोर साइक्लिंग करना ज्यादा लाभकारी होगा क्योंकि इससे वे आवश्यकता अनुसार साइकिल पर नियंत्रण बनाए रखेंगी। बाहरी तापमान का भी उन पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

दिल संबंधी रोगों से बचेंगे
प्रुड्यू यूनिवर्सिटी अमरीका, के एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि नियमित साइक्लिंग दिल संबंधी रोग का खतरा 50 फीसदी घटा देती है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि यदि लोग नियमित रूप से सामान्य कसरत करें तो हर साल 10 हजार से ज्यादा हार्ट अटैक से होने वाली मौतें कम हो सकती हैं।

फेफड़ों की क्षमता बढ़ेगी
हम टीवी देखते समय जितनी ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं, उससे 10 गुना ज्यादा ऑक्सीजन साइक्लिंग करने से मिलती है। साइक्लिंग न केवल कार्डियोवस्क्यूलर सिस्टम को मजबूत बनाती है बल्कि फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ाती है। तेज साइक्लिंग करने से रक्त संचार भी तेज होता है जिससे शरीर को खासी एनर्जी मिलती है।

कैंसर से बचाव
जिन कसरतों से कैंसर का खतरा कम होता है, उनमें साइक्लिंग सबसे श्रेष्ठ है। कई शोधकर्ताओं का कहना है कि 30 मिनट रोज साइकिल चलाने से कैंसर की आशंका कम होती है। यदि महिलाएं नियमित साइकिल चलाएं तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होगा।

बच्चों की एक्सरसाइज
साइक्लिंग बच्चों के लिए श्रेष्ठ व्यायाम है। चूंकि बढ़ते बच्चों के लिए जरूरी है कि वे नियमित व्यायाम करें,ऎसे में साइक्लिंग उन्हें फुुल बॉडी वर्कआउट करवाती है। इससे उनकी एकाग्रता में वृद्धि होती है और वे क्लास में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।


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