हैवी नाश्ता जरूरी
नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट लेने की सलाह जाती है क्योंकि कार्बोहाइडे्रट पचाने के लिए शरीर के पास पूरा दिन होता है। रात का भोजन हल्का व कम वैराइटी होना चाहिए। कोशिश करें कि डिनर और नाश्ते के बीच 12 घंटे का अंतराल हो। रेगुलर एक्सराइज करने वालों को पूरे दिन की एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट और मांसपेशियों की मजबूती के लिए प्रोटीन युक्त चीजें खानी चाहिए। वहीं अधिक समोसा , चिप्स, टोस्ट और बिस्किट लेने से बचने की कोशिश करें।
यूं बढ़ती परेशानी
नाश्ते में आमतौर पर खाए जाने वाले परांठे, डोसा, वड़ा-पाव, इडली-सांभर, पोहा व पूड़ी आदि शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ा देते हैं। इसके अलावा दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट फैट बढ़ाते हैं जो भविष्य में हृदय रोगों और हाई बीपी का कारण बनते हैं।
ये हो सकते हैं विकल्प
कॉम्बो मील खाएं
जैसे एक गिलास दूध के साथ वेजिटेबल सेंडविच, एक गिलास छाछ के साथ स्टफ परांठा जैसे मिक्स वेज, आलू, पालक, दाल का परांठा, सब्जियों के जूस के साथ बेसन या मूंग दाल का प्लेन या स्टफ चीला, फलों के जूस के साथ पनीर या चीज सेंडविच आदि।
कार्ब और प्रोटीन का सही कॉम्बिनेशन
सिंपल कार्बोहाइड्रेट (पोहा, उपमा, भाप में पकी इडली, ओट्स, मूसली) लें। प्रोटीन के लिए अंडा, मलाईरहित दूध ले सकते हैं। फैट के लिए बादाम व अखरोट जैसे सूखे मेेवे और अलसी ले सकते हैं।
दिनभर में 6-7 बार खाएं
डाइट को 6-7 बार टुकड़ों में बांट लें। यदि दिन की प्रमुख तीन डाइट ही लेते हैं तो इनके बीच कुछ न कुछ जैसे एक कटोरी स्प्राउट्स या ताजे व मौसमी फल या सब्जियों का सलाद व जूस खाने की आदत जरूर डालें।
मल्टीग्रेन को शामिल करें
गेहूं की रोटी या दलिया के अलावा कभी-कभार मक्का व बाजरा (सर्दियों में), ज्वार, रागी खा सकते हैं। फाइबर शरीर से अतिरिक्त चर्बी घटाकर हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से बचाती है।
सफेद चावल नहीं ब्राउन राइस
इसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटेशियम जैसे तत्त्व वजन को नियंत्रित कर पाचनक्रिया और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।