अस्थमा के घरेलू उपचार के लिए मरीजों को कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. दमा के मरीज को बारिश और सर्दी और धूल भरी जगह से बचना चाहिए। 2. बारिश के मौसम में नमी के बढ़ने से संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है।
ज्यादा ठण्डे और ज्यादा नमी वाले वातावरण में नहीं रहना चाहिए, इससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
1. दमा के मरीज को बारिश और सर्दी और धूल भरी जगह से बचना चाहिए। 2. बारिश के मौसम में नमी के बढ़ने से संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है।
ज्यादा ठण्डे और ज्यादा नमी वाले वातावरण में नहीं रहना चाहिए, इससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
3.घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा कर निकलें। 4.सर्दी के मौसम में धुंध में जाने से बचें।
ताजा पेंट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने का कॉइल का धुआँ, 5. खुशबुदार इत्र से जितना हो सके बचे।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें।
इसके अलावा जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने पर इन दमा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
6.अस्थमा के मरीजों को आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक और गाजर का रस अस्थमा में काफी फायदेमंद होता है।
ताजा पेंट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने का कॉइल का धुआँ, 5. खुशबुदार इत्र से जितना हो सके बचे।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें।
इसके अलावा जीवनशैली और आहार में बदलाव लाने पर इन दमा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
6.अस्थमा के मरीजों को आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक और गाजर का रस अस्थमा में काफी फायदेमंद होता है।