बवासीर के लक्षण- symptoms of piles
- गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है।
- पॉटी के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
- पॉटी करते समय गुदा में जलन के साथ खून का आना।
- पॉटी के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।
- गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
- शौच के वक्त म्यूकस का आना।
- बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।
- कब्ज की समस्या। बहुत ज्यादा रिफाइंड चीजें, जंक फूड खाना।
- पॉटी के समय अधिक जोर लगाना
- लगातर बैठे रहने या देर तक खड़े होकर काम करना
- मोटापा
- प्रेग्नेंसी में कब्ज का होने से
- केला -कपूर- रोज सुबह पांच दिन केले का छोटा टुकडा लें और उसके बीच में खाने वाली कपूर को दबा कर निगल जाएं। ये उपाय किसी भी तरह की बवासरी का रामबाण उपाय है।
- ईसबगोल- ईसबगोल कब्ज से छुटकारा दिलाता है। ईसबगोल को रात ही नहीं सुबह भी लें। इससे मल पतला होगा और पाइल्स की दिक्कत नहीं होगी।
- आईस पैक - बवासीर में आइस पैक की सिकाई तुरंत आराम दिलाती है। इससे दर्द, जलन और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। बर्फ को सीधे प्रभावित क्षेत्र पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे टिश्यू डैमेज हो सकते हैं। बर्फ को तौलिये में लपेटकर सिकाई करें।
- एलोवेरा-एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो बवासीर की सूजन को शांत करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि बवासीर से राहत पर इसके उपयोग के लिए विशेष रूप से शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन इससे त्वचा की सूजन संबंधी कई लाभ हैं। आप इसके जेल को प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं।
- जामुन – खूनी बवासीर में जामुन औप आम की गुठली बड़े काम की चीज होती है। जामुन और आम की गुठली के अंदर का भाग निकालकर इसे धूप में सुखा लें और इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच मात्रा गुनगुने पानी या फिर छाछ के साथ सेवन करें। बवासीर में बेहद लाभ मिलेगा।
फाइबर डाइट-फाइबर वाली डाइट लेने से मल को नरम करने में मदद मिलती है। इससे कब्ज को रोकने, शौच करते समय दर्द, जलन और परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है। फाइबर पाचन को दुरुस्त करने का भी बेहतर तरीका है। फल और सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।