रिलेक्स महसूस करेंगे आप
डॉक्टरों का मानना है कि जिंदगी की भागदौड़ से ब्रेक लेकर घूमने से आप मानसिक तौर पर रिलेक्स और स्ट्रॉन्ग फील करते हैं। ट्रैवलिंग से आपको रोज की जिम्मेदारियों से हटकर खुद के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
मांसपेशियों के लिए
ट्रैवलिंग के दौरान पहाड़ों या खूबसूरत नजारों का लुत्फ लेने के लिए आप पैदल घूमते हैं। पहाड़ों पर चढ़ते-उतरते हैं, नदियों में तैरते हैं, बीच पर लंबी वॉक करते हैं। इससे आपकी कैलोरी बर्न होती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
रिश्तों की मजबूती
साथी के साथ घूमने से ना सिर्फ संबंध अच्छे बनते हैं बल्कि मजबूत भी होते हैं क्योंकि आप गिले शिकवों को भुलाकर एक दूसरे के साथ वक्तबिताते हैं।
रहेंगे फिट
अगर ट्रैवलिंग का चस्का लग गया तो आसानी से हटने वाला नहीं। घूमने के लिए आप नई चुनौतियो का सामना करेंगे और खुद को शारीरिक रूप से भी फिट भी रखेंगे ताकि आप ट्रैवलिंग का भरपूर मजा लें।
जिंदगी के उतार-चढ़ाव
अक्सर हमने देखा है कि लाइफ में चीजें हमारी प्लानिंग के मुताबिक नहीं होती और हम उदास हो जाते हैं। ट्रैवलिंग करते वक्त आप इन्हीं उतार चढ़ावों के बीच खुद को संभालना सीखते हैं। कभी ट्रेन लेट, तो कभी खराब मौसम, तो कभी अच्छे होटल की तलाश में भटकना। जिंदगी को फ्लेक्सिबल बनाने के लिए ट्रैवलिंग से अच्छी चीज कुछ नहीं हो सकती। इसलिए साल में एक बार किसी ट्रिप पर जरूर जाएं।
इनका ध्यान रखें
जब भी कहीं घूमने के लिए जाएं तो डॉक्टरी सलाह से दवाइयां साथ लेकर जाएं। ट्रैवलिंग के दौरान अच्छे से पका हुआ खाना ही खाएं। एकदम चिल्ड ड्रिंक पीने से बचें। डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि लेते रहें। अस्थमा के मरीज हिल स्टेशन पर जाते समय अपने साथ दवाएं और इन्हेलर लेकर जरूर जाएं। डायबिटीज के मरीज ट्रैवलिंग के दौरान ज्यादा तला-भुना ना खाएं और शुगर एकदम से डाउन ना हो इसके लिए थोड़े-थोड़े अंतराल में खाते रहें।
आयुर्वेद के अनुसार अगर रास्ते में आपको उल्टी या बेचैनी हो तो सौंधी हरड़ चूस सकते हैं। रेस्तरां या होटल का खाना खाते समय उसके साथ काला नमक डालकर दही या छाछ लें, आपको अपच की समस्या नहीं होगी। अगर थकान लगे तो पानी में गुलाब जल डालकर नहाएं इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे।