जर्नल ऑफ ल्यूकोसाइट बायोलॉजी में प्रकाशित खबर के अनुसार, अध्ययन में यह दिखाया गया है कि कैसे कोर्टिकोट्रोपिन रिलीजिंग फैक्टर (सीआरएफ-1) नामक तनाव रिसेप्टर मास्ट कोशिका नामक प्रतिरक्षा कोशिका को सिग्नल भेज सकता है और यह नियंत्रित कर सकता है कि वह शरीर की रक्षा किस प्रकार से करे.
इस अध्ययन के लिए अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों में 2 प्रकार के तनाव मनोवैज्ञानिक और एलर्जी के दौरान उनकी हिस्टामाइन प्रतिक्रिया की तुलना की। एक समूह के चूहों को सामान्य कहा गया, जिनकी मास्ट कोशिकाओं में सीआरएफ-1 था, वहीं दूसरे समूह में सीआरएफ-1 नहीं था।
विश्वविद्यालय के एडम मोसेर का कहना है कि जब सामान्य चूहों को तनाव की स्थिति में रखा गया, तो उनमें हिस्टामाइन का उच्च स्तर और बीमारियां देखने को मिलीं। वहीं जिन चूहों में सीआरएफ-1 नहीं था, उनमें हिस्टामाइन का स्तर भी कम था और उनमें बीमारियां भी कम थीं तथा उनका दोनों प्रकार के तनावों से भी बचाव हुआ। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि सीआरएफ-1 तनाव के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है।