जब आप अपने रोज के समय से ज्यादा सोने लगते है तो आपकी बायोलॉजिकल दिनचर्या बिगड़ जाती है जिसे सोशल जेट लेग कहते हैं। यह हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है और इसके हमारे शरीर पर कई गलत प्रभाव पड़ते हैं।
शोध में पता चला कि 85 प्रतिशत दिनों के मुकाबले वीकेंड्स पर ज्यादा सोते है। शोधकर्ताओं के मुताबिक़ सोशल जेट लेग का हर एक घंटा दिल के रोगों के खतरे को 11 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। सोशल जेट लेग से सेहत भी खराब हो जाती है। इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है और उसे अधिक नींद और थकान महसूस होने लगती है।
एरिजोना यूनिवर्सिटी की सिएरा फोबुश ने बताया कि सोने कीअवधि के साथ साथ नियमित सोने की अवधि भी हमारी सेहत पर प्रभाव डालती है। उन्होंने यह भी बताया कि नियमित और पर्याप्त नींद आपके बेहतर स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी है। हर किसी के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी होती है।
यह सोशल जेट लेग के नुकसान बताने वाला पहला शोध नहीं है। 2012 में हुए एक शोध के मुताबिक़ इसके कारण मोटापे से जुड़ी बीमारिया भी हो सकती है। शोध में यह भी कहा गया था कि जो लोग सोशल जेट लेग से प्रभावित होते है वह सिगरेट और नशे के अधिक आदी होते हैं और वह बाकी लोगो से ज्यादा डिप्रेस्ड रहते है।
रिपोर्टों से पता चला है कि कोई व्यक्ति जो सभी दिन रात में 1 बजे सो कर सुबह 6 बजे उठता है उसे 1.5 घंटे का सोशल जेट लेग होता है। सोशल जेट लेग से निकलना आसान नहीं है लेकिन व्यायाम और योग की मदद से इसके हानिकारण प्रभावों को कम किया जा सकता है।