ऐसे काम करता पाचन तंत्र
भोजन जब अंदर जाता है तो वह गैस्ट्रिक जूस में मिक्स होता है। पेट की दीवारों पर मांसपेशियों की तीन परतें होती हैं जो लंबाई, चौड़ाई और तिरछी बंधी होती हैं। भोजन को यह तरल की मदद से पाचन के लिए ऊपर-नीचे करती है और फिर उसे छोटी आंत में भेज देती हैं। इसके बाद भोजन बड़ी आंत में जाता है और पूरी तरह पच जाता है।
सूर्यास्त के 2 घंटे में भोजन
सूर्यास्त के बाद पित्त का प्रकोप बढ़ता है। इसलिए शाम छह से आठ बजे के बीच भोजन करना चाहिए। देर रात भोजन करने व जागने से पाचन क्रिया बिगड़ती है। इससे एसीडिटी, कब्ज की दिक्कत होती है। जो लोग जितना तेजी से खाते हैं उन्हें मल त्याग में उतना ज्यादा समय लगता है।
300 से 400 कैलोरी भोजन
रात्रि का भोजन 300-400 कैलोरी से अधिक नहीं होना चाहिए। इसमें फाइबर, प्रोटीन ज्यादा हों। दूध लेते हैं तो खाने के डेढ़ घंटे बाद एक गिलास बिना मलाई वाला दूध ले सकते हैं। खाने के 45 मिनट बाद 300-400 मि.ली. पानी पीना चाहिए।
30 मिनट बाद हल्की वॉक
भोजन के 30 मिनट बाद 15 मिनट की हल्की वॉक कर सकते हैं। हार्ट के मरीज हैं तो चिकित्सक से परामर्श लें। बाएं करवट लेटें। वज्रासन करें। डिनर के एक घंटे बाद लो जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) फल खाएं लेकिन कोई जूस आदि न पीएं।
ये गलतियां जो अक्सर करते हैं
स्मोकिंग : खाने के बाद स्मोकिंग से निकोटीन लिवर में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करता है। इससे पाचन बिगड़ता है। नियमित रूप से ऐसा करने से फेफड़ों व आंतों का कैंसर हो सकता है।
चाय : चाय पीने से शरीर में आयरन को अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित होती है। चाय में मौजूद टैनिक एसिड खाने में प्रोटीन और आयरन के असर को कम करता है। इससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
फल खाना : खाने से एक घंटा पहले व दो घंटे बाद ही फल खाना चाहिए। ऐसा न करने से पेट में जलन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि पेट में खाने की मौजूदगी से फल के पोषक तत्त्व, फाइबर व नेचुरल शुगर पचती नहीं है।
तुरंत सोने से बढ़ता मोटापा
रात में खाने के बाद तुरंत सोने से मोटापा बढ़ता है। रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है जो खाना खाया है वह सोने के बाद मुंह में कसैलापन आ जाता है। इससे पाचन तंत्र बिगड़ता है। लंबे समय तक ऐसा करने से अपच, संक्रमण और फिर पेप्टिक अल्सर जैसी तकलीफ हो सकती है।
मरीज ये चीजें लेने से बचें
डायबिटीज व हृदय रोगी ज्यादा फाइबर वाली चीजें खाएं। किसी प्रकार का मीठा, गुड़, चीनी न लें। अंडे का पीला हिस्सा व मटन न खाएं। किडनी के मरीज पोटैशियम और प्रोटीनयुक्त चीजें न खाएं। रात में पानी की मात्रा चिकित्सक की परामर्श के अनुसार ही लें।
एक्सपर्ट :
– डॉ. प्रकाश केसरवानी, सीनियर फिजिशियन, एसएमएस चिकित्सालय, जयपुर
– डॉ. गोविन्द सहाय शुक्ला, प्रोफेसर, डॉ. एसआर राजस्थान आयुर्वेद विवि, जोधपुर