तनाव पड़ता है भारी-
किसी भी तरह का स्ट्रेस फिर चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक आपके वेट लॉस प्रोग्राम में सबसे बड़ी बाधा खड़ी कर सकता है। तनाव से हमारे शरीर में एक तरह का हॉर्मोन कॉर्टिसोल स्रावित होता है जो इंसुलिन रजिस्टेंस को कम करता है और बॉडी में फैट बढ़ाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी बातें शेयर करें, किताबें पढ़ें और समय मिले तो कहीं घूम आएं।
डाइट में ये तो नहीं-
आप तली हुई और मसालेदार चीजों से तो परहेज करते हैं लेकिन डाइटिंग के नाम पर ब्रेकफास्ट या लंच ही स्किप कर जाते हैं। ऐसा करने पर जब आपको भूख लगती है तो आप एक समय में अपनी जरूरत के हिसाब से ज्यादा खा लेते हैं, नतीजन आपका वजन बढ़ता है। जरूरी है कि आप पूरे दिन के भोजन को थोड़े-थोड़े अंतराल में पांच से छह बार खाएं। इससे एक्सरसाइज के दौरान आपको जरूरी एनर्जी भी मिलेगी और ज्यादा थकान भी नहीं होगी।
कार्डियो एक्सरसाइज-
वजन कम करने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज करने की सबसे ज्यादा सलाह दी जाती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना सिर्फ कार्डियो सेशन पर ही अटके रहना काफी नहीं है। हर दिन इसकी गति बढ़ानी चाहिए। अपने वर्कआउट की इंटेंसिटी अपने मैक्सिमम हार्ट रेट से 65-85 प्रतिशत तक बढ़ानी चाहिए।
लिक्विड एनर्जी से बचें-
चाय, कॉफी या मीठे जूस जैसी किसी भी तरह की लिक्विड कैलोरी आपका वेट कम करने की बजाय उसे बढ़ाने में मदद करेगी। ऐसे में इन पेय पदार्थों को कम से कम मात्रा में लें या इनकी बजाय कम मलाई वाले दूध या वेजिटेबल जूस प्रयोग में लाएं ताकि पर्याप्त ऊर्जा के साथ-साथ आपका वजन भी घटे।
मजबूत इरादे जरूरी-
अगर आप मोटिवेट नहीं रहेंगे तो वेट लॉस प्रोग्राम कभी सफल नहीं हो पाएगा क्योंकि जिम में सिर्फ पांच मिनट ही एक्सरसाइज करना काफी नहीं है। फिटनेस प्रोग्राम से आपको दिल और दिमाग से जुडऩा होगा।