आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल कहते हैं कि दिल के रोग पैदा होने के पीछे खानपान अहम भूमिका निभाता है। वजन ज्यादा होने पर हाईपरटेंशन, डायबिटीज और एथेरोसिलेरोसिस होने की संभावना रहती है। इससे दिल के दौरे सहित अनेक दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। दिल के दौरे के खतरे को समझने के लिए अपने बीएमआई के बारे में जागरूक रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि दिल के रोगों का पता लगाने के लिए आपके बीएमआई और कमर के घेरे को लिया जाता है। दोनों मिलकर दिल के दौरे के खतरे के स्तर को मापने में मदद कर सकते हैं। इससे आप बचाव के कदम और जीवनशैली में बदलाव जितनी जल्दी हो सके कर पाएंगे।
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, अगर आपकी उम्र 40 साल से कम हैं तो पुरुष जिनके परिवार में पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दिल के रोग रहे हैं, जिनका बीएमआई के अनुसार वजन सामान्य है लेकिन पेट निकला हुआ है या 18 की उम्र के बाद वजन 10 किलो ज्यादा बढ़ा है तो उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए तुरंत दिल के माहिर के पास जाना चाहिए।
कुछ अहम बातें : – जिन लोगों का बीएमआई 23 से 30 के बीच है, उन्हें कम खतरा है लेकिन जिनका 30 से 35 के मध्य है उन्हें मध्यम खतरा होगा। – जिनका बीएमआई 35 से 40 के मध्य है, उन्हें अधिक खतरा होगा और जिनका 40 से भी ऊपर है उन्हें अपने मोटापे से अत्यधिक खतरा है।
– बीएमआई के किसी भी स्तर पर पेट का मोटापा बढऩे से हाईपरलिपिडेमिया, हाइपरटेंशन, 40 साल से कम उम्र, पुरुष और परिवार में पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन या दिल के रोग होने से सेहत को खतरे बढ़ जाते हैं।