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घर के अंदर का प्रदूषण सेहत के लिए है ज्यादा नुकसानदायक

locationजयपुरPublished: Oct 08, 2018 02:49:45 pm

Indoor pollution – घरों के अंदर बढ़ता वायु प्रदूषण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है। खासकर अस्थमा के रोगियों के लिए घर के अंदर का प्रदूषण नुकसादायक हो सकता है।

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घरों के अंदर बढ़ता वायु प्रदूषण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है। खासकर अस्थमा के रोगियों के लिए घर के अंदर का प्रदूषण नुकसादायक हो सकता है।

एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि दिन के समय में घरों के अंदर वायु प्रदूषण बाहर वातावरण के वायु प्रदूषण से बहुत ज्यादा हो जाता है। यह प्रदूषण वैक्यूमिंग, खाना पकाने, धूल झाड़ने या कपड़ों का ड्रायर चलाने जैसे कामों के कारण होता है। एक अध्ययन में इस बात का पता चला है। कि घरों में प्रदूषण का स्तर बाहरी प्रदूषण की तुलना में 10 से 30 गुना अधिक हो सकता है। घरों के अंदर बढ़ता वायु प्रदूषण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है। खासकर अस्थमा के रोगियों के लिए घर के अंदर का प्रदूषण नुकसादायक हो सकता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि प्रत्येक घर में वायु प्रदूषण की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं।

इन वजहों से होता है प्रदूषण-

कुछ घरों में प्रदूषण का स्तर बाहरी प्रदूषण की तुलना में 10 से 30 गुना अधिक हो सकता है। रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पादों और घरेलू चीजों जैसे पेंट, पालतू जानवरों से एलर्जी और कुकिंग गैस आदि वायु प्रदूषण का अतिरिक्त स्रोत होते हैं। यह मानव शरीर के अधिकांश अंगों और प्रणालियों को प्रभावित करते हैं।

घर के प्रदूषण से होती हैं ये समस्याएं-

पर्यावरण में मौजूद कणों का सीधा असर फेफड़ों से पड़ता है, जिसके कारण सीओपीडी, अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर, श्वास रोग जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। धूल के कण जैसे प्रदूषक फेफड़ों की सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सेल साइकल डेथ को प्रभावित कर सकते हैं। प्रदूषण की वजह से अस्थमा और सीओपीडी वाले लोगों में परेशानी हो सकती है।

मुशि्कल है घर के प्रदूषण को खत्म करना-

इनडोर वायु प्रदूषण की समस्या को हल करना इतना आसान भी नहीं है। आदर्श समाधान तो यह है कि सभी खिड़कियों को खोला जाए और इनडोर प्रदूषकों को बाहर निकलने दिया जाए। लेकिन, प्रदूषित शहरों में यह मुश्किल है क्योंकि बाहरी प्रदूषक घर के अंदर आ सकते हैं।

सुझाव –

घर व कार्यालय में नमी को नियंत्रित करें।

बाथरूम और रसोई में एगजॉस्ट फैन लगाएं,।

घरेलू उपकरणों को ठीक से साफ करें और धूल से बचाकर रखें।

कालीन को साफ और सूखा रखें।

तकिए, कंबल और बिस्तर को नियमित रूप से 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर धोया करें।

टेक्सटाइल कारपेटिंग की जगह लकड़ी, टाइल या लिनोलियम का फर्श लगाएं।

वैक्यूम क्लीनिंग और गीले पोछे से सफाई करना अच्छा तरीका है।

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