भोजन में अधिक नमक की मात्रा ज्यादा होने से रक्तचाप बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक वयस्क को एक दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक हीं खाना चाहिए। ज्यादा लेने से हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। जहां तक हो सके ताजा खाना खाएं।
घर के बाहर खाते हैं ज्यादा खाना, मोटापे का बड़ा कारण
घर पर भोजन करना अधिक पौष्टिक होता हैं, क्योंकि आप स्वयं सब्जी, मसाले, चिकनाई एवं पकाने की विधि का चयन करते हैं। यह खाना सस्ता भी पड़ता है। सब्जियों को अधिक तलकर या भून कर ना बनाएं। इन विधियों में तल की खपत अधिक हाती है जिससे मोटापा बढ़ता है। उबालकर या कम तेल में खाना बनाने की चेष्टा करें और जहां तक हो सके, हमेशा ताजा खाना खाएं। मोटापे से रक्तचाप बढ़ता है और फिर दिल की अनेक बीमारियां होने का सदैव अंदेशा रहता है। इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरत भर ही खाना खाएं। सब्जियां और फलों की मात्रा बढ़ाएं। घर के बाहर खाने में अक्सर मात्रा का अंदाजा नहीं लग पाता है।
हंसते-मुस्कुराते दौड़ते रहिए
प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए। मॉर्निंग वॉक व दौडऩा सेहत के लिए फायदेमंद है। नियमित व्यायाम करने वालों में हृदयरोगों की आशंका अन्यों की अपेक्षा लगभग 45 प्रतिशत तक कम हो जाती है। कोलेस्ट्रॉल और लिपिड के स्तर में भी सुधार होता है। इसके अलावा हंसना दिल के लिए सबसे उत्तम दवा है। एक भरपूर हंसी से पूरे शरीर में 20 फीसदी अधिक रक्त प्रवाहित होता है। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि जब लोग कॉमेडी फिल्म देखेते हैं, उनके रक्तप्रवाह में सुधार होता है। यही कारण है कि शायद हंसी तनाव का समाधान हो सकती है। जब आप हंसते हैं तो रक्त वाहिनियों की दीवारों की अंदर की परत को आराम मिलता है और वह फैलती है। एक मिनट में 72 बार धड़कने वाला दिल पूरे दिन में एक लाख बार धड़कता है।
बैड फैट को कहें ना, गुड फैट लें
तेल, दूध एवं दूध से बनी वस्तुएं और लाल मांस में नुकसानदेह वसा जिसे बैड फैट भी कहते हैं। यह बैड कॉलेस्ट्रॉल यानी एलडील को बढाती है। हृदय को अस्वस्थ करती है, लेकिन मछली, दालें, टोफू, किनुआ आदि खाने से प्रोटीन एवं फायदेमंद वसा दोनों मिलती है। बाजार में मिलने वाले अधिकतर खाने की वस्तुओं में अच्छा पौष्टिक तेल नहीं होता। इस कारण इनका प्रयोग कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा चीनी एवं मैदे से बनी चीजों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। भोजन में पौष्टिक तत्त्व जैसे सूखे मेवे, हरी सब्जियां इत्यादि का उपयोग बढ़ा देना चाहिए।
– डॉ. अजय कुमार साहू, असिस्टेंट प्रोफेसर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर