– शिशुओं की मां के लिए नींद कितनी जरूरी है?
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि अपर्याप्त नींद दूध की आपूर्ति की मात्रा और गुणवत्ता को कम कर देती है। तनावग्रस्त शरीर में नेचुरल हार्मोन रिलीज होते हैं, जो प्रोलैक्टिन (दूध के उत्पादन) और ऑक्सीटोसिन (दूध छोडऩे) के प्रोडक्शन को रोकते या प्रभावित करते हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि नींद नहीं मिलने से माताओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता है। इसे उचित आराम और नींद के जरिए आसानी से बचाया जा सकता है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि अपर्याप्त नींद दूध की आपूर्ति की मात्रा और गुणवत्ता को कम कर देती है। तनावग्रस्त शरीर में नेचुरल हार्मोन रिलीज होते हैं, जो प्रोलैक्टिन (दूध के उत्पादन) और ऑक्सीटोसिन (दूध छोडऩे) के प्रोडक्शन को रोकते या प्रभावित करते हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि नींद नहीं मिलने से माताओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता है। इसे उचित आराम और नींद के जरिए आसानी से बचाया जा सकता है।
– स्तनपान कराने वाली मां नींद की कमी से कैसे निपटे?
एक लंबी और शांतिपूर्ण नींद के बजाय, छोटे-छोटे पावर नैप्स की कोशिश करनी चाहिए। 15 मिनट या आधे घंटे का वक्त हमानाभी मिले, तो न छोड़ें। दूध पिलाने के दौरान मां का जागना जरूरी है।
एक लंबी और शांतिपूर्ण नींद के बजाय, छोटे-छोटे पावर नैप्स की कोशिश करनी चाहिए। 15 मिनट या आधे घंटे का वक्त हमानाभी मिले, तो न छोड़ें। दूध पिलाने के दौरान मां का जागना जरूरी है।
– रात में स्तनपान करना क्यों महत्वपूर्ण है?
रात में स्तनपान कराने से अधिक प्रोलैक्टिन पैदा होता है, जो शिशु की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध के उत्पादन में मदद करता है। इससे दूध की आपूर्ति नियमित रूप में मिलती है। रात के समय बच्चे 20त्न अधिक भूखे होते हैं। रात को दूध पिलाना आपके और साथ ही आपके शिशु के लिए फायदेमंद है।
रात में स्तनपान कराने से अधिक प्रोलैक्टिन पैदा होता है, जो शिशु की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध के उत्पादन में मदद करता है। इससे दूध की आपूर्ति नियमित रूप में मिलती है। रात के समय बच्चे 20त्न अधिक भूखे होते हैं। रात को दूध पिलाना आपके और साथ ही आपके शिशु के लिए फायदेमंद है।