गौरतलब है कि 1 जून को महाराष्ट्र का सात दिवसीय सीडीजीआर 4.15 प्रतिशत था, जबकि पूरे देश में यह 4.74 प्रतिशत था। परिणामस्वरूप महाराष्ट्र में मामलों के पुन: दोहराव (डबलिंग टाइम) का समय औसतन 17.35 दिन है। जबकि शेष भारत में यह समय करीब 15.18 दिनों का है। मई के मध्य में ही महाराष्ट्र में संक्रमण प्रतिदिन 6.5 से 7 प्रतिशत की दर के बीच बढ़ रहा था। जबकि उस समय राष्ट्रीय विकास दर इससे लगभग एक प्रतिशत कम थी। तब से दोनों विकास दरों में लगातार कमी आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही चलन बना रहता है तो राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण की विकास दर में और गिरावट आ सकती है। हालांकि, इसका यह मतलब यह नहीं होगा कि प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के मामलों में कमी आ गई है, इसका अर्थ होगा कि संक्रमण की संख्या तो बढ़ेगी लेकिन धीमी दर से बढ़ेगी।
वहीँ शुक्रवार को महाराष्ट्र में एक दिन में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 139 पहुंच गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इससे पहले बुधवार को कोरोना से एक दिन में 122 लोगों की जान चली गयी थी।