आज हम आपको घर में ही पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका और उससे होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। यह आसन महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। क्योंकि उन्हें कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती है। अगर वे रोजाना इस आसन को करेंगी। तो उन्हें काफी फायदा होगा।
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आपको सुखासन जैसी स्थिति में बैठना है। अब अपने पैरों को आगे सीधा करते हुए मिलाएं। पैर की उंगलियों को अपनी ओर मोड़ें, फिर आगे की ओर बढ़ते हुए अपने हाथों को अपने हिप्स के बगल में रखें, अपनी थाई की मसल्स को एक्टिव करें और अपनी पीठ को सीधा करें। अब घुटनों को बिना मोड़ धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए पैर के बड़े अंगूठे को पकड़े या पैरों के किनारों या अपनी एडी को पकड़ने के लिए आगे बढ़े। अब एक गहरी सांस के साथ चेस्ट और सिर को ऊपर उठाएं।अपने कंधों को अपने कानों से दूर रखें। इसके बाद लंबी सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर खींच कर आगे की ओर झुके और अपने पेट को अपनी जांघों पर दवाएं और अपने माथे को घुटनों पर रखें। आप कम से कम 5 सांसों के लिए रुके। आसन से बाहर निकलने के लिए अपनी बाहों को सीधा करते हुए, अपने धड़ को उपर की ओर ले जाएं। अब सांस छोड़े और अपने पैरों को छोड़ दें। आपको इस योग आसन का अभ्यास खाली पेट करना चाहिए। क्योंकि इससे पेट संकुचित होता है। यदि आपकी बाहों, कूल्हों, घुटनों या कंधों में किसी प्रकार की चोट, दर्द या तकलीफ है। तो आसन को नहीं करें या फिर प्रशिक्षित योग गुरु से भी सलाह ले सकते हैं। आप योगासन करते समय वही करें जो आप बिना दर्द के करने में सक्षम है।
पश्चिमोत्तानासन करने से आपकी किडनी, लीवर, ओवरीज, यूट्रेस की कार्य क्षमता में सुधार आता है। पेट की चर्बी कम होती है। रीढ़ की हड्डी स्ट्रेच होती है। उसमें लचीलापन आता है। रीढ़ की हड्डी में स्ट्रेच होने से महिलाओं की हाइट बढ़ती है। पेल्विक अंगों को टोन करता है। पीरियड्स संतुलित होते हैं। इस आसन को विशेष रूप से महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी करने की सलाह दी जाती है। यह आसन तनाव से दूर करता है। चिंता, क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर करता है। मन को शांत रखता है। इस प्रकार यह आसन आप आसानी से कर सकते हैं। लेकिन आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी या समस्या है। तो योग गुरु से सलाह लिए बगैर नहीं करें।