बैक पेन स्पाइन से संबंधित, गर्दन, कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है। शरीर के हिस्सों में छूने से दर्द होता है। इसमें सिरदर्द, माइग्रेन और चेहरे के हिस्सों को छूने से भी दर्द होता है। कई बार सर्द हवा के कारण भी होता है। हाथ-पैरों में जकडऩ रहती है। कैंसर की वजह से भी दर्द होता है। दवा के बाद भी आराम नहीं मिलता है। कैंसर के 70-80 प्रतिशत मरीजों को कैंसर की वजह से ही दर्द होता है। सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम की वजह से कोई अंग नीला, लाल पड़ता है। छूने अथवा हवा से भी दर्द होता है।
दो तरह का होता दर्द
एक्यूट पेन : चोट लगने व बीमारी से होने वाले दर्द को कहते हैं। यह कुछ समय बाद स्वत: या इलाज से ठीक हो जाता है। एक्यूट पेन क्रोनिक पेन में बदल सकता है।
क्रोनिक पेन : यह किसी पुरानी चोट के कारण होता है। इलाज के बाद दर्द शुरू होता है। कई बार चोट लगने के कारण लंबे समय तक दर्द बंद नहीं होता है।
दो तरह से करते इलाज
मरीज का इलाज डायग्रोस्टिक और थैरेपेस्टिक होता है। मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। ओपीडी के आधार पर इलाज किया जाता है। इसमें आधे घंटे से एक घंटे का समय लगता है। इलाज के दौरान एनेस्थीसिया देते हैं। इसमें सर्जिकल रिस्क नहीं होता है। लेजर, इलेक्ट्रोमैग्रेटिक थैरेपी से इलाज होता है।
गर्भावस्था में दर्द की शिकायत
गर्भावस्था में महिलाओं का वजन 10 से 12 किग्रा तक बढ़ता है। महिलाओं को गर्दन व कमर दर्द बढ़ जाता है। आराम न मिलने पर पेन फिजीशियन की परामर्श लें।
– डॉ. गौरव शर्र्मा,
एसोसिएट प्रोफेसर, जयपुरिया हॉस्पिटल, जयपुर