ऊपर का दांत पीछे तो होशियार
बच्चे के ऊपर के दांत पीछे की ओर जा रहे है तो सावधानी की जरूरत है। ऊपर के दांत हमेशा नीचे के दांत से आगे रहते हैं। ऐसी समस्या बच्चे को परेशानी में डाल सकती है। ऐसी परेशानी से ग्रसित बच्चे की समस्या को दूर करने के लिए फिक्सेटर की मदद से तकलीफ को दूर करते हैं। बच्चे की उम्र सात से नौ साल के बीच है तो तीन हफ्तों में समस्या का समाधान हो सकता है। उम्र इससे अधिक है तो दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। इसमें फिक्सेटर और इंप्लांट की मदद से विकृति को दूर करते हैं।
स्पेस मेंटेनर लगवाना है जरूरी
बच्चे का दांत किसी वजह से निकलवाया है तो उसकी जगह पर स्पेस मेंटेनर लगवाना जरूरी है। ऐसा न करने से उसके आसपास के दांतों का आकार बिगड़ सकता है। उसके आसपास के दांत बहुत अधिक चौड़े या टेढ़े मेढ़े हो सकते हैं।
ऊपर का दांत पीछे तो होशियार
बच्चे के ऊपर के दांत पीछे की ओर जा रहे है तो सावधानी की जरूरत है। ऊपर के दांत हमेशा नीचे के दांत से आगे रहते हैं। ऐसी समस्या बच्चे को परेशानी में डाल सकती है। ऐसी परेशानी से ग्रसित बच्चे की समस्या को दूर करने के लिए फिक्सेटर की मदद से तकलीफ को दूर करते हैं। बच्चे की उम्र सात से नौ साल के बीच है तो तीन हफ्तों में समस्या का समाधान हो सकता है। उम्र इससे अधिक है तो दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। इसमें फिक्सेटर और इंप्लांट की मदद से विकृति को दूर करते हैं।
डॉ. संदीप टंडन, पीडियाट्रिक डेंटिस्ट, आरयूएचएस डेंटल कॉलेज