सेल से बने इस तंत्रिका सर्किट से स्टेम सेल्स की मदद से भी कोशिकाओं का निर्माण किया गया है। पहली बार मानव मस्तिष्क को शरीर के बाहर क्रियाशील देखने को वैज्ञानिकों ने संभव बनाया है। ब्रिटिश मीडिया में आई खबरों के अनुसार, इस तंत्रिका सर्किट में सेरेब्रल कॉर्टेक्स को एक छोटी बॉल में री-क्रिएट किया गया है। इनमें वह स्फीरॉइड सेल्स भी शामिल हैं, जिनका निर्माण स्टेम सेल्स की मदद से किया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस शोध के माध्यम से दिमाग के होने वाले सामान्य विकास को देखने और समझने में आसानी होगी।
9 माह से रेटिना के विकास में लगे हैं शोध से जुड़े वैज्ञानिकों और स्टेनफॉर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दो अग्रमस्तिष्क सर्किट भी विकसित किए हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक तकरीबन 9 महीने से ह्यूमन रेटिना विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रमुख कोशिका विकसित की पिछले हफ्ते ऐसी ही एक खबर अमरीका से आई थी। इसमें कहा गया था कि अमरीकी शोधकर्ताओं ने दिमाग की उस प्रमुख कोशिका को विकसित कर लिया है, जो चोट और बीमारी की स्थिति में त्वचा की कोशिकाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मिर्गी-ऑटिज्म के कारण जानेंगे वैज्ञानिक इस प्रयोग से मिर्गी और ऑटिज्म के कारणों का पता लगाना चाहते हैं। वह उन स्थितियों के बारे में जानकारी चाहते हैं, जब दिमाग की सेल हाइपरऐक्टिव हो जाती हैं। साथ ही वैज्ञानिकों ने कुछ अबनॉर्मल सर्किट्स जैसे ऑटिज्म से रिलेटेड टिमोथी सिंड्रोम को विकसित किया है, जिसके जरिए दिमाग में आने वाली विसंगति का पता किया जाएगा।