scriptआयुर्वेदिक दवाओं को विदेशों में मान्यता दिलाने में जुटा आयुष मंत्रालय | Ministry of Ayush is engaged in recognition of Ayurvedic medicines abr | Patrika News

आयुर्वेदिक दवाओं को विदेशों में मान्यता दिलाने में जुटा आयुष मंत्रालय

locationनई दिल्लीPublished: Oct 27, 2018 08:37:07 pm

Submitted by:

Mukesh Kejariwal

विदेशी दवा नियामकों से की जा रही है बातचीत

Aayurved

आयुर्वेदिक दवाओं को विदेशों में मान्यता दिलाने में जुटा आयुष मंत्रालय

नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्रालय इस प्रयास में जुट गया है कि आयुर्वेद की दवाओं और इसके चिकित्सकों को दूसरे देशों में भी मान्यता मिल सके। इसके लिए विभिन्न देशों के दवा नियामकों और चिकित्सकों को मान्यता देने वाली परिषदों से संपर्क किया जा रहा है।

मंत्रालय का यह प्रयास सफल रहा तो ना सिर्फ आयुर्वेदिक दवाएं विदेशों में ज्यादा आसानी से बिक सकेंगी, बल्कि इसके प्रशिक्षित डॉक्टरों के लिए प्रैक्टिस भी आसान हो जाएगी। आयुर्वेद के साथ ही यूनानी और सिद्धा जैसी अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी इस प्रयास में शामिल किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में आयुर्वेद का उपयोग कर कई अहम दवाएं विकसित की गई हैं। इनमें वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की ओर से विकसित मधुमेह की दवा बीजीआर-34 ने तो बहुत से रिकार्ड कायम कर दिए हैं। आयुर्वेद पर आधारित होने के बावजूद इसे आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से तैयार किया गया है और क्लिनिकल ट्रायल कर इसका प्रमाण भी साबित किया गया है।

विदेशों में अभी यह दवा के रूप में इसलिए नहीं बिक पातीं क्योंकि इन्हें वहां के नियमों के मुताबिक दवा के रूप में पंजीकृत नहीं कराया गया है। मंत्रालय डब्ल्यूएचओ की मदद से दवाओं के लिए मानक तय करने के बाद इन्हें हर देश में वहां के नियमों के अनुरूप दवा के रूप में पंजीकृत कराएगा। तब ये फूड सप्लीमेंट के तौर पर नहीं, बल्कि दवा के रूप में बिक सकेंगी।

आयुष मंत्रालय की इस पर पहल पर एमिल फार्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात होगी कि आयुर्वेद को दवा के रूप में दूसरे देशों के नागरिक भी अपनाएं। वे आयुर्वेद का लाभ उठाने के लिए भारत आते हैं। लेकिन अब उन्हें अपने देश में ही ये दवाएं तय नियमों के तहत मिलेंगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो