शिशु का होगा पूरा विकास
स्तनपान के साथ दिया जाने वाला ऊपरी आहार शिशु के विकास में मदद करने के साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी दूर कर एनीमिया और मोटापे से भी बचाता है।
प्रारंभिक स्तनपान – स्तनपान की प्रारंभिक शुरुआत, जो जन्म के एक घंटे के भीतर करवाया जाए।
विशेष स्तनपान – जीवन के पहले छह महीनों के लिए करवाया जाए।
पूरक आहार – 6 माह के बाद स्तनपान जारी रखते हुए ऊपरी आहार दें।
एक्सपर्ट कमेंट
हमें कुछ दिनों में गेहूं और चावल जैसे अनाज को पोषक-अनाज के साथ बदलना चाहिए – जैसे ज्वार (ज्वार), बाजरा (बाजरा), फिंगर बाजरा (रागी/मंडुआ) और छोटे बाजरा जैसे; बाजरा (कुटकी), कोदो बाजरा (कोडो), बार्नयार्ड बाजरा (सावा/झंगोरा), फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी/काकुन), प्रोसो बाजरा (चीना)। उनके पास उच्च पोषक मूल्य है और आहार में फाइबर जोड़ते हैं। संतुलित आहार के अलावा, हमें डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त पानी और शारीरिक गतिविधि के सेवन को भी प्रोत्साहित करना चाहिए, खासकर बच्चों में।.”
सुनेत्रा रोडे
पूर्व प्रिंसिपल, महाराष्ट्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग कॉलेज, पुणे
बच्चों को कुछ भी खिलाने से पहले उसकी पौष्टिकता जांच लें, तभी स्वास्थ्य की नींव मजबूत हो सकती है।
केंद्र सरकार के मदर्स एब्सोल्यूट एफेक्शन (एमएए) यानी मां कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हे।
पोषण रिहैबिलिटेशन केंद्र (एनआरसीएस) के माध्यम से बच्चों में गंभीर कुपोषण की स्थिति में देखभाल की जाती है।
आइवीसीएफ की ओर से महीने में कम से कम एक बार आंगनवाड़ी केंद्र में पोषक दिवस और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता के संबंध में परामर्श दिया जाता है।
सवाल – नवजात शिशु को कितने समय तक स्तनपान करवाया जाना चाहिए?
जवाब- शुरू के छह माह तक मां का दूध बच्चे के लिए एक संपूर्ण आहार है। इसके बाद दो साल तक ऊपरी आहार के साथ भी मां का दूध दिया जाना चाहिए।