इस वाकये के बारे में बाबू रेड्डी बताते हैं कि गर्दन से चट्ट की आवाज आई, उन्हें लगा कि मसाज सफल हो गई है। लेकिन घर आते ही वह असहज महसूस करने लगे और थोड़ी देर बार सीधे चल भी नहीं पाए। उन्हें अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराना पड़ा। उनकी सांसें अनियमित थीं और ब्लड प्रेशर बढ़ गया था। डॉक्टरों को बाबू रेड्डी को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।
बाबू का इलाज करने वाले डॉ महेश संभशिवम का कहना है कि एमआरआई करवाने पर पता चला कि उनकी धमनी में खून की सप्लाई रुक गई है और उनको वर्टेब्रा-बॉयलर स्ट्रोक पड़ गया है। जांच में पता चला कि बाबू रेड्डी नियमित तौर पर नाई से गर्दन और सिर की मसाज करवाने के आदी हैं।
उनकी मसाज गर्दन के चटकने के साथ ही खत्म होती है। डॉक्टर महेश संभशिवम का कहना है कि अगर वक्त पर उनका इलाज नहीं किया जाता तो उनकी स्थिति और बिगड़ सकती थी। बाबू रेड्डी को गर्दन चटकवाने पर स्ट्रोक पड़ गया था। दरअसल जिस नाई ने बाबू रेड्डी की मसाज की थी वह अच्छी तरह से ट्रेंड नहीं था। यह एक न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्या है।
व्ही-बॉयलर स्ट्रोक यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी हो सकती है यह समस्या गलत तरीके से बैठने से होने लगती है समस्या गर्दन और सिर की नियमित मसाज कराने से रहता है स्ट्रोक का खतरा
वर्टिब्रल आर्टरी डिसेक्शन आमतौर पर सेरिब्रल स्ट्रोक की वजह से होता है। इसके अलावा अनियमित दिनचर्या, मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों को भी इस स्ट्रोक की आशंका रहती है। डॉ. महेश संभशिवम, बेंगलुरू