वैज्ञानिकों ने मॉडल का परीक्षण कोरोना वायरस के इलाज में जुटे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से प्राप्त डेटा का उपयोग किया है। माइकल हेनरी स्ट्रेटर यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पुअर का कहना है कि वर्तमान में उपयाग किए जा रहे मॉडल महामारी के वायरास में होने वाले म्यूटेशन का ट्रैक करने के लिए डिजायन नहीं किए गए हैं। जिससे कोरोना जैसे नए वायरस का इलाज ढूंढना अधिक कठिन बन जाता है। इससे संक्रमित क्षेत्र में लोगों के इलाज और क्वारंटाइन या सेल्फ-आइसोलेशन जैसे निर्णय लेने में मदद मिलेगी। यह मॉडल हमें म्यूटेशन के पीछे का कारण समझने में मदद कर सकता है।