प्रक्रिया : ऑटोफैगी दो शब्दों ऑटो व फैगी से मिलकर बना है। इसका अर्थ है स्वयं को खाना। 10-12 घंटे उपवास के दौरान कोशिकाएं शरीर की क्षतिग्रस्त व खराब कोशिकाओं को खुद ही खत्म करने लगती हैं। पोषक तत्वों के अभाव से शरीर उर्जावान रखने में मदद करती है। उम्र बढऩे की गति भी धीमी होती है।
ऐसे करती है काम : जब शरीर की कोशिकाएं इस प्रक्रिया को शुरू करती है तो मस्तिष्क अलर्ट मोड में रहता है। तनाव की स्थिति को कम करती है। हानिकारक जीवाणुओं से सुरक्षा करती है। इस प्रक्रिया के बाधित होने से पार्किंसन, डायबिटीज, पाचन संबंधी दिक्कते शुरू होने की आशंका बढ़ती है।