स्वास्थ्य

NEW STUDY : सर्जिकल मास्क नहीं रुमाल भी कोरोना से बचाव में कारगर

आइआइटी मुंबई ने किया कोरोना वायरस संक्रमण पर स्टडी
अमरीका के फीजिक्स ऑफ फ्लूड्स जर्नल में प्रकाशित हुई
ड्रॉपलेट पर 7 से लेकर 23 गुना तक नियंत्रण किया जा सकता

जयपुरOct 23, 2020 / 11:10 pm

Ramesh Singh

NEW STUDY : सर्जिकल मास्क नहीं रुमाल भी कोरोना से बचाव में कारगर

मुंबई. सर्जिकल व एन-95 मास्क के जरिए कफ के जरिए ड्रॉपलेट पर 7 से लेकर 23 गुना तक नियंत्रण किया जा सकता है। इससे संक्रमण का खतरा घटता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) बॉम्बे ने यह स्टडी की है। यह रिसर्च अमरीकन इंस्टीट्यूट ऑफ फीजिक्स के फीजिक्स ऑफ फ्लूड्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।
मास्क नहीं रुमाल ही काफी
शोध करने वाले प्रोफेसर अमित अग्रवाल व रजनीश भारद्वाज ने बताया कि किसी संक्रमित के खांसने के दौरान निकलने वाले कोरोना वायरस के आकार व संख्या को कम करता है। इसके लिए मास्क ही नहीं, रुमाल भी काफी सहायक है। महंगे मास्क की अपेक्षा यह तरीका भी कारगर हो सकता है।

सात गुना तक कम संक्रमण
प्रोफेसर अमित अग्रवाल व रजनीश भारद्वाज ने बताया कि स्टडी में पाया कि कफ के बाद पहले 5 से 8 सेकेंड हवा में ड्रॉपलेट फैलने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। खांसते वक्त रुमाल या कोहनी में खांसने से कफ व ड्रॉपलेट की दूरी घट जाती है।

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