ज्यादा मेहनत, धूप में रहने, पसीना अधिक आने,उल्टी-डायरिया होने या ज्यादा एक्सरसाइज करने पर भी प्यास अधिक लगती है। यह समान्य है, लेकिन अधिकतर ही बैठे-बैठे भी आपके होंठ सूखने लगते हैं या गला सूखने लगता है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो चलिए जानें, कितन 5 बीमारियों का संकेत बार-बार प्यास लगना होता है।
ज्यादा प्यास लगने के कारण-Due to excessive thirst स्लाइवा ग्लैंड का इनएक्टिव होना
मुंह में जब स्लाइवा ग्लैंड एक्टिव नहीं होता तो मुंह सूखने लगता है। इससे होंठ और गला भी सूखने लगते हैं। इससे प्यास का अहसास बार-बार होता है। कई बार ऐसा कुछ दवाओं के कारण भी होता है। दवांए स्लाइवा निकालना कम कर देती हैं। दवा खाने से मुंह का यह ग्लैंड बंद हो जाता हैं। इसके अलावा कैंसर जैसी कुछ बीमारियों में भी मुंह सूखने की समस्या होती है। स्लाइवा कम बनने से सांस की बदबू, स्वाद में परिवर्तन, मसूड़ों में दिक्कत, होने लगती है।
मुंह में जब स्लाइवा ग्लैंड एक्टिव नहीं होता तो मुंह सूखने लगता है। इससे होंठ और गला भी सूखने लगते हैं। इससे प्यास का अहसास बार-बार होता है। कई बार ऐसा कुछ दवाओं के कारण भी होता है। दवांए स्लाइवा निकालना कम कर देती हैं। दवा खाने से मुंह का यह ग्लैंड बंद हो जाता हैं। इसके अलावा कैंसर जैसी कुछ बीमारियों में भी मुंह सूखने की समस्या होती है। स्लाइवा कम बनने से सांस की बदबू, स्वाद में परिवर्तन, मसूड़ों में दिक्कत, होने लगती है।
एनीमिया
शरीर में खून की कमी होने पर भी बार-बार प्यास लगने की समस्या होती है। ऐसा खून में रेड ब्लड सेल के कम बनने के कारण होता है। शरीर में जब पर्याप्त ऑक्सीजन की स्पलाई नहीं होती तो प्यास लगने की समस्या होने लगती है।
शरीर में खून की कमी होने पर भी बार-बार प्यास लगने की समस्या होती है। ऐसा खून में रेड ब्लड सेल के कम बनने के कारण होता है। शरीर में जब पर्याप्त ऑक्सीजन की स्पलाई नहीं होती तो प्यास लगने की समस्या होने लगती है।
डिहाइड्रेशन शरीर में पानी की कमी से भी बार-बार प्यास लगती है और मुंह सूखने लगता है। कई बार चक्कर या बेहोशी के संकेत भी मिलते है। ये डिहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति होती है। ऐसे में नमक चीनी और नींबू का घोल तुरंत लें। ओआरएस जान बचा सकता है।
हाइपरकैल्शिमिया
हाइपरकैल्शिमिया में जब खून में कैल्शियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है तो तब भी बार-बार प्यास लगती है। कई आर हाथ पैरों में दर्द या ऐंठन होने पर भी ऐसा होता है।
हाइपरकैल्शिमिया में जब खून में कैल्शियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है तो तब भी बार-बार प्यास लगती है। कई आर हाथ पैरों में दर्द या ऐंठन होने पर भी ऐसा होता है।
डायबिटीज
बार-बार प्यास लना डायबिटीज का संकेत भी है। इसे पॉलीडेप्सिया के नाम स जाना जाता है। जब इंसुलिन ब्लड में सही तरीके से रिलीज नहीं होता तब तब ग्लूकोज यूरिन से निकलने लगता है। इसकी वजह से प्यास बार-बार लगती है और यूरिन भी बढ़ जाती है।
बार-बार प्यास लना डायबिटीज का संकेत भी है। इसे पॉलीडेप्सिया के नाम स जाना जाता है। जब इंसुलिन ब्लड में सही तरीके से रिलीज नहीं होता तब तब ग्लूकोज यूरिन से निकलने लगता है। इसकी वजह से प्यास बार-बार लगती है और यूरिन भी बढ़ जाती है।
तो इन संकेतों के आधार पर अपनी बीमारी का पता लगा कर इलाज कराएं। क्योंकि कुछ बीमारी जानलेवा भी होती है। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।