इस चीज को खाने से बुढ़ापे में भी आ जाती है “जवानी”
Published: May 25, 2015 09:52:00 am
एक अध्ययन से पता चला
है कि पोषण की कमी का शारीरिक दुर्बलता, बुद्धिहीनता और अल्जाइमर जैसे दिमागी रोगों से गहरा नाता है
मछली, सूखे मेवे और तीसी के बीज जैसे कुछ अन्य बीजों में पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड बुढ़ापे में मानसिक क्षमता बेहतर रखने में सक्षम है। यह बात एक अध्ययन में कही गई है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में बुढ़ापे में अल्जाइमर होने के संकेत थे, उन्होंने जब ओमेगा-3 फैटी एसिड का ज्यादा इस्तेमाल किया, तो अन्य लोगों की तुलना में उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर पाया गया।
फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड की दो प्रमुख किस्में ईपीए और डीएचए मुख्यत मछली में पाई जाती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड की एक अन्य किस्म अल्फा-लाइनोलेनिक एसिड (एएलए) वनस्पति से मिलती है, जैसे- सूखे मेवे और बीजों से। इलिनोइस यूनिवर्सिटी के शोधार्थी, अध्ययन के प्रमुख लेखक एरॉन बार्बी ने कहा कि हाल के अध्ययन से पता चलता है कि पोषण की कमी का बुद्धिहीनता और अल्जाइमर जैसे दिमागी रोगों से गहरा नाता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि बेहतर पोषण से मानसिक क्षमता बनी रहती है। बुढ़ापा देर से आता है और अल्जाइमर जैसे रोग की आशंका कम होती है। यह अध्ययन 65 से 75 वर्ष की अवस्था वाले 40 ऎसे स्वस्थ्य लोगों पर किया गया, जिनमें अल्जाइमर रोग की आशंका पैदा करने वाले जीन थे। शोधार्थियों ने इन लोगों के मानसिक लचीलेपन को मापा और साथ ही उनके रक्त में ईपीए और डीएचए के स्तर को भी मापा।