दो माह से छोटे शिशुओंं को खतरा
दो माह से छोटे बच्चों को निमोनिया की आशंका अधिक रहती है। इसकी वजह बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। जल्द इंफेक्शन हो जाता है। लो बर्थ और प्रीम्चयोर शिशुओं में भी इसकी आशंका अधिक बढ़ जाती है। शिशु का सुस्त रहना, सांस तेज चलना, बुखार, खांसी, दूध न पीना, सीने में गड्ढे बनना इसके लक्षण हैं।
बंद कमरे में शिशु को न रखें
सर्दी में निमोनिया के मामले बढ़ते हैं। इसकी वजह बंद कमरे में ज्यादा लोग रहते हैं। निमोनिया छींक के साथ फैलने वाली बूंदों से होने वाला रोग है। अगर घर में किसी को सर्दी-जुकाम है तो बच्चे को होने की आशंका अधिक रहती है। साफ-सफाई का ध्यान रखें। बाहरी लोगों से दूर रखें। अगर बाहरी लोगों को इंफेक्शन हो गया है तो बच्चे को भी हो सकता है। इसके अलावा बच्चे की हेल्दी डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही शिशुओं की नियमित टीकाकरण करवाएं। टीकाकरण से शिशुओं की इम्युनिटी बढ़ती है। बीमारियों से बचाव होता है। टीकाकरण अच्छे विशेषज्ञ की सलाह से करवाएं ।
डॉ. प्रीति शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ, जयपुर