स्वास्थ्य

मधुमेह के उच्च जोखिम से जुड़ा है सोराइसिस

सोराइसिस प्रतिरक्षा प्रणाली की एक बीमारी है, जिसमें त्वचा में सूजन हो जाती है, त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ती है।

Nov 15, 2017 / 10:51 pm

जमील खान

Psoriasis

न्यूयॉर्क। बिना सोराइसिस (त्वचा रोग) वाले लोगों की तुलना में सोराइसिस से प्रभावित लोगों में टाइप-2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है। यह जोखिम आश्चर्यजनक रूप से रोग की गंभीरता पर निर्भर है। सोराइसिस प्रतिरक्षा प्रणाली की एक बीमारी है, जिसमें त्वचा में सूजन हो जाती है, त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ती है। इससे लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं, जो सफेद त्वचा से ढक जाते हैं, जब यह त्वचा के सतह तक पहुंचते हैं, तो मर जाते हैं।

सोराइसिस से पीडि़त लोग अपने शरीर का 10 फीसदी या उससे ज्यादा हिस्सा ढके रहते हैं। इनमें से बिना सोराइसिस लोगों की तुलना में 64 फीसदी सोराइसिस वाले लोगों को मधुमेह होने की संभावना रहती है। इस शोध के निष्कर्ष ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी’ में प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि शोध के निष्कर्षों को दुनिया भर के सोराइसिस से पीडि़त लोगों को लागू करने पर 125,650 मधुमेह के नए मामले हर साल सामने आएंगे।

 

सेहत के लिए बेहतर है देसी खाना
फास्ट फूड के चक्कर में आकर भले ही हम उल्टा-पुल्टा खाने की आदतें पाल रहे हों लेकिन हमारी देसी थाली, जितनी सेहतमंद है, उतना और कुछ भी नहीं ।

रोटी या चावल
रोटी और चावल दोनों कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत हैं। इनमें फाइबर और विटामिन होते हैं। नूडल, बर्गर, ब्रेड में मैदा होता है, जिससे कब्ज बनता है और यह मोटापे का सबब बनता है।

सब्जियों में विटामिन
विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का खजाना हैं सब्जियां। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का अच्छा स्रोत होती हैं। इनमें कई बीमारियों से लडऩे की भी अद्भुत क्षमता होती है। सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

दाल में प्रोटीन
प्रोटीन से लबालब दालें शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। डॉक्टर भी हर रोज भोजन में एक कटोरी दाल शामिल करने की सलाह देते हैं।

मसाले बनाते मजबूत
भारतीय रसोई में मौजूद विभिन्न मसालों के गुणों पर काफी शोध किया जा चुका है। जैसे हल्दी एंटी सेप्टिक और कई रोगों का नाश करने वाली है। सौंफ से पेट ठंडा रहता है। अजवायन

गैस नाशक है। अदरक से सर्दी-जुकाम दूर होता है, मिर्च से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का लेवल बढ़ता है। लौंग, इलायची, हींग भी काफी फायदेमंद है।

दही पेट का दोस्त
दही में लैक्टोबेसिलस होते हैं। ये फ्रैंडली बैक्टीरिया हैं, जो पाचन क्रिया में मदद करते हैं। दही से हमारे पेट का पीएच लेवल भी दुरुस्त रहता है।

अचार पचाए आहार
मिर्च, नींबू, आम से बने अचार हम बड़े चटखारे लेकर खाते हैं। इनका सेवन स्वाद तो बढ़ाता ही है पाचन में भी मददगार होता है।

बुखार में केवड़े का जूस होता है लाभदायक
बुखार है तो…
केवड़े का रस 40 से 60 मिलीलीटर की मात्रा में बुखार से पीडि़त रोगी को पिलाने से बुखार उतर जाता है।

कमर दर्द होने पर
केवड़े के तेल से मालिश करने से कमर दर्द ठीक होता है।

सिरदर्द
केवड़े को पानी और सफेद चन्दन के साथ घिसकर एक बर्तन में रखकर कपड़े से बांध दें और फिर यह रोगी को सुंघाएं। इससे गर्मी से होने वाला सिर दर्द ठीक होता है।

खुजली
खुजली में केवड़े के पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।

 

 

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