अभी तक यही माना जाता था कि बुद्धिमता को सीखा जा सकता है, दूसरों से ग्रहण किया जा सकता है या अनुभव के द्वारा भविष्य में आने वाली समस्याओं को सुलझाने का जरिया बनाया जा सकता है। लेकिन नए अध्ययनों के अनुसार बुद्धिमता का सीधा संबंध पर्यावरण के साथ-साथ जेनेटिक्स से भी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी इंसान की बुद्धिमता उसके जीन से तय होती है। हम सभी के डीएनए में इस बात की पूरी जानकारी होती हैं कौन कितना बुद्धिमान बनेगा, हालांकि अनुभव तथा कुछ नया सीखकर इस बुद्धिमता को और भी ज्यादा बढा़या जा सकता है।
इन अध्ययनों में ऐसे कई परिवारों पर रिसर्च की गई जिनमें दत्तक अथवा जुड़वा बच्चे हैं। इन अध्ययनों से पता चलता है कि आनुवांशिक कारकों का हमारी बुद्धिमता में कम से कम 50 फीसदी योगदान होता है। इसके साथ ही क्या जीनोम का कुछ हिस्सा भी इंटेलीजेन्स से जुड़ा हुआ है, यह जानने के लिए भी कोशिश की गई। रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं के अनुसार जीनोम में काफी सारे जीन ऐसे होते हैं जो हमारी इंटेलीजेन्स को प्रभावित कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि बुद्धिमता को अलग-अलग तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है इसी कारण इसे मापना अपने आप में बेहद जटिल है। आम तौर पर बुद्धिमता का सीधा अर्थ अनुभवों से सीखने और बदलते माहौलों के अनुकूल होने की क्षमता को माना जाता है। इनमें तर्क-वितर्क करने, योजना बनाने, समस्याओं को सुलझाने, अवधारणा को समझने और जटिल विचारों को समझने की क्षमता भी शामिल है।