– डॉ. लीनेश्वर हर्षवर्धन, वरिष्ठ फिजिशियन, जयपुर
जयपुरPublished: Mar 08, 2019 07:13:52 pm
Ramesh Singh
कम वजन के नवजात को भविष्य में डायबिटीज का खतरा रहता है। इसलिए उनके खानपान पर माता-पिता को विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज में महिलाओं को एहतियात बरतना चाहिए।
रिसर्च स्टोरी : कम वजन के बच्चों में डायबिटीज का खतरा
जिन बच्चों का वजन जन्म के समय सामान्य से कम होता है, ऐसे बच्चों को डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। अमरीका की टुलेन यूनिवर्सिटी में किए शोध में पाया गया कि जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों को टाइप टू डायबिटीज की आशंका ज्यादा होती है। जन्म के समय भ्रूण का विकास ठीक से नहीं होता है, तो पैदा होने वाला ब’चे का वजन कम होता है। ऐसे बच्चों को रक्त की कमी, संक्रमण की समस्या ज्यादा होती है। कम वजन वाले शिशुओं को कुपोषण का खतरा होता है। शरीर ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाता है।
एक्सपर्ट कमेंट
ज्यादा मोटे व पतले बच्चों में इस तरह की दिक्कतें होती है। प्रोटीन, पोषकतत्त्वों की कमी से यह दिक्कत होती है। हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। तनाव से भी ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है। जिन बच्चों का वजन आनुवांशिक कारणों से कम होता है, उनमें मधुमेह (डाइबीटिज-टाइप 2) होने का खतरा अन्य स्वस्थ बच्चों की तुलना में बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ऐसे बच्चों में ज्यादातर डायबिटीज टाइप-2 का खतरा होता है।
– डॉ. लीनेश्वर हर्षवर्धन, वरिष्ठ फिजिशियन, जयपुर